दिल्ली: दिल्ली के कोटला मुबारकपुर इलाके में शुक्रवार को एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. घटना की सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर जांच-पड़ताल शुरू की. फांसी लगाने से पहले आत्महत्या करने वाले सुदीप ने दीवार पर सुसाइड नोट लिखा था. सुसाइड नोट में लिखा है कि मेरी मौत का जिम्मेदार कोटला थाने का एसएचओ है.


पुलिस सुसाइड नोट की जांच कर रही है. वहीं, पीड़ित परिवार का आरोप है कि इलाके का एसएचओ सुदीप और उसके परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहा है. जांच के दौरान कुछ अहम खुलासे भी हुए हैं. पता चला है कि सुदीप पर 2017 में लूट और चोरी के एफआईआर दर्ज है. इस केस में उसकी बहन और पिता भी आरोपी हैं.


पुलिस का कहना है कि साल 2017 में खुद और परिवार वालों पर केस दर्ज होने के बाद सुदीप की बहन ने अपने पीजी में रहने वाले छात्रों पर रेप और छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था. यह केस जांच के दौरान फर्जी पाया गया जिसे लेकर पुलिस ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट भी दायर की थी. इस मामले के बाद पुलिस ने मृतक की बहन के खिलाफ ही फर्जी केस रजिस्टर कराने का केस दर्ज किया हुआ है.


दरअसल, आत्महत्या करने वाले सुदीप का कोटला मुबारकपुर इलाके में पांच मंजिला मकान है. इस मकान में ये परिवार पीजी चलाता है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि परिवार ने पीजी के नियम ऐसे बनाए हैं कि अगर कोई शख्स पीजी छोड़कर जाएगा तो उसे छह महीने का किराया देना होगा. इसी बात को लेकर सुदीप के परिवारवालों और पीजी में रहने वाले छात्रों के बीच झगड़ा होते रहता था.


पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि मृतक सुदीप पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन से गुजर रहा था और उसका इलाज एक हॉस्पिटल में चल रहा था. फिलहाल इस केस की जांच ग्रेटर कैलाश थाने के एसएचओ को सौंप दी गई है. पुलिस इस चीज का पता लगा रही है कि दीवार पर लिखा सुसाइड नोट क्या वाकई में मृतक सुदीप ने लिखी है या नहीं.


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