नई दिल्लीः 3 महीने की बच्ची से रेप और उसकी हत्या के आरोपी को इंदौर की एक विशेष अदालत ने शनिवार को मौत की सजा सुनाई. ये घटना बीते महीने 20 अप्रैल को हुई थी. आरोपी नवीन उर्फ अजय गडगे ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो मासूम की मां से नाराज था, उसने आरोपी और उसकी पत्नी के बीच वैवाहिक मतभेदों को सुलझाने में मध्यस्थ बनने से इंकार कर दिया था.


20 अप्रैल को 3 महीने की मासूम रजवाड़ा के निकट फुटपाथ पर अपने माता-पिता के बीच सो रही थी जब आरोपी उसे लेकर चला गया. आरोपी उसे एक कमर्शियल बिल्डिंग के बेसमेंट में ले गया और उसका रेप किया और इसके बाद उसने उस मासूम को ऊंचाई से फेंककर मार डाला. पुलिस ने आरोपी को सीसीटीवी फुटेज की मदद से पकड़ा जिसमें वो शिशु को ले जाता हुआ दिखाई दिया था.


गडगे को आईपीसी की धारा 376 और 302 के तहत मौत की सजा सुनाई गई है इसके अलावा उसे पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत उम्रकैद की सजा भी दी गई है. पुलिस ने घटना के एक हफ्ते बाद आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. कोई भी वकील अभियुक्त का केस लड़ने के लिए तैयार नहीं था और उसे कानूनी मदद दिलाई गई. केस का ट्रायल केवल 13 दिन चला और 54 गवाहों में से 34 गवाहों के बयान इस दौरान लिए गए.


पांचवे अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज वर्षा वर्मा ने इस केस की अंतिम सुनवाई की और खचाखच भरे कोर्टरूम में इसका फैसला सुनाया. जज ने इस केस को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि इस अपराध की तुलना एक जंगली जानवर के द्वारा किए गए काम से की जा सकती है.


डिस्ट्रिक्ट प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर मोहम्मद अकरम शेख ने कहा कि शायद ये पहला रेप और मर्डर केस होगा जिसमें ट्रायल सिर्फ 13 दिनों के लिए चला है. अपराधी ठहराए जाने के बाद अभियुक्त जिसका पहले कोई क्राइम रिकॉर्ड नहीं है उसने कोर्ट में कहा कि वो बेकसूर है और अपनी मां और बहन से आखिरी बार मिलना चाहता है.


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसले के बाद इंदौर पुलिस के तेज गति से काम करने की प्रशंसा की और ट्वीट किया जिसमें लिखा कि एक सभ्य समाज में इस तरह के लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. इसके अलावा एक और ट्वीट में उन्होंने कहा कि एमपी पहला ऐसा राज्य है जिसने 12 साल से कम उम्र की आयु की लड़कियों से रेप के लिए मौत का कानून बनाया है.