Mewati Gang Exposed: नॉर्थ दिल्ली पुलिस की साइबर सेल की टीम ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक मेवाती गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक यह गैंग गूगल पर एक हेल्पलाइन नंबर डालकर खाने-पीने के सामान और शराब की होम डिलीवरी के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था. पुलिस के मुताबिक यह मेवाती गैंग अब तक सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है.


पुलिस ने सर्विलांस के जरिए करीब 1000 किलोमीटर से ज्यादा गाड़ी चलाकर इन साइबर अपराधियों का पीछा करके इनको गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस ने 4 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड,16 हजार रुपये और ठगी के पैसों से खरीदी गई एक कार भी बरामद की है. नॉर्थ दिल्ली के डीसीपी अंटो अल्फोंसो ने बताया कि गिरफ्तार दोनों आरोपी राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले हैं. एक का नाम तारीफ खान है और दूसरा तौफीक है.


82 हजार रुपये की ठगी


इन साइबर अपराधियों ने डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक से 82 हजार रुपये की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. राजधानी दिल्ली के तिमारपुर थाने में ठगी की शिकायत भी दर्ज की गई थी. अपनी शिकायत में पीड़ित ने बताया था कि उसने गूगल से एक मिठाई की दुकान का नंबर लिया था, उसने जब उस नंबर पर संपर्क किया तो आरोपियों ने खुद को दुकान का कर्मचारी बताया और मिठाई के लिए ऑर्डर को बुक कर लिया और ऑनलाइन पेमेंट देने के लिए कहा. इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित को एक बार कोड भेजा. जैसे ही पीड़ित ने बारकोड स्कैन किया उसके खाते से 82 हजार निकल गए. 


इस मामले की जांच नॉर्थ जिले की साइबर सेल को दी गई. साइबर सेल ने अपनी तफ्तीश शुरू की और तफ्तीश के दौरान जिस वॉलेट का इस्तेमाल करके ठगी की गई थी उसके बारे में पता किया गया. जांच के दौरान पता चला कि ठगी का पैसा मेवात में एक बैंक खाते में ट्रांसफर हुआ है. इतना ही नहीं, जब पुलिस ने उस मोबाइल नंबर की जांच की तो पता चला कि मोबाइल नंबर उड़ीसा का है लेकिन उसकी लोकेशन मेवात हरियाणा और राजस्थान के भरतपुर और तेलंगाना की है. इसी नंबर के आधार पर पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के जरिए आरोपियों का पीछा शुरू किया. 


शराब की होम डिलीवरी


मोबाइल नंबर की जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि यह नंबर महाराष्ट्र और कर्नाटक में शराब की होम डिलीवरी के लिए 6 वेबसाइटों पर डाले हुए हैं. लोकेशन के जरिए पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई. पुलिस को जानकारी मिली कि दोनों साइबर क्रिमिनल मध्य प्रदेश में है. पुलिस की टीम ने पीछा करना शुरू किया और उत्तर प्रदेश के झांसी के पास कार की पहचान कर ली गई और आखिरकार पीछा करके आगरा के पास से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 


डीसीपी अंटो अल्फोंसो के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान शराब की होम डिलीवरी के नाम पर भी इन साइबर अपराधियों ने सैकड़ों लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि इस काम में उनके गांव में रहने वाले और भी लोग शामिल हैं. पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने नकली सिम कार्ड भरतपुर के एक गांव से खरीदे थे. ठगी के पैसे को कमीशन पर लिए गए एक बैंक खाते में जमा करवाया जाता था, जो लोग पैसे निकालते थे उनको प्रॉफिट भी दिया जाता था. अब पुलिस इन दोनों साइबर अपराधियों का पूरा इतिहास खंगालने में जुटी है. 



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