मुरादाबाद: मुरादाबाद में उत्तर प्रदेश एसटीएफ और मुरादाबाद पुलिस की एसओजी टीम ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर सीटेट सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट के 52 केंद्रों पर चल रही परीक्षा में 10 सॉल्वर को अरेस्ट किया है, यह लोग दूसरे छात्रों की जगह खुद एग्जाम दे रहे थे. इस काम के लिए यह लोग 50000 से लेकर ₹200000 तक की वसूली करते थे. इसमें से एक मास्टरमाइंड सचिन है जो पहले भी सॉल्वर गैंग के सदस्य के रूप में गिरफ्तार हो चुका है जो इस गैंग को बिहार के लोगों की मदद से चलाता था. पुलिस को इनके पास से बड़ी मात्रा में मोबाइल और चीटिंग मटेरियल मिला है.
मुरादाबाद में 52 केन्द्रों पर केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गयी थी. जिसमें एसटीएफ,एसओजी और पुलिस टीम ने सॉल्वर गैंग के दस सदस्यों को शहर के अलग-अलग स्कूलों से गिरफ्तार किया गया है. जबकि गैंग का सरगना पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है. ये परीक्षार्थियों से पैसा लेकर उनकी जगह सॉल्वर बैठाते थे. फ़िलहाल अभी पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है.
पुलिस की मानें तो एसटीएफ और पुलिस टीमों को सूचना मिली थी कि सॉल्वर गैंग के सदस्य शहर के अलग-अलग स्कूलों परीक्षार्थियों की जगह सॉल्वर बैठा रहे हैं. जिस पर टीम बनाकर छापेमारी की गयी और दस लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनसे पूछताछ में ये सामने आया है कि ये लोग ढाई लाख रुपये में पेपर का सौदा करते थे. पुलिस ने हिन्दू कॉलेज से दानिश, नाजिम, राजू कश्यप को गिरफ्तार किया.
इन लोगों ने बताया कि राजकुमार की जगह शुशांत और इन्द्रपाल की जगह विक्की कुमार परीक्षा दे रहे हैं. आर आर के स्कूल में अनुज की जगह मुकेश, अशोक जगह चन्दन परीक्षा दे रहे हैं. पाकबाड़ा के वेदराम इंटर कॉलेज में सुभाष की जगह राजमणि और गुलाबबाड़ी के सरस्वती विद्या मंदिर में दिनेश की जगह चन्दन परीक्षा दे रहा था.
गैंग का सरगना सचिन है जोकि फरार है वो पहले भी सॉल्वर गैंग में गिरफ्तार हो चुका है. ये गैंग परीक्षार्थियों के धुंधले फोटो एग्जाम फॉर्म पर लगाकर उनसे मिलते-जुलते अपने आधार कार्ड और दूसरी फर्जी आईडी बनाकर एग्जाम में बैठा करते थे. इस मास्टरमाइंड गिरोह के तार बिहार के कुछ लोगों से भी मिले जुले हैं जिनकी मदद से यह गैंग को ऑपरेट करते थे.
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