Mumbai Crime: 1993 सीरियल धमाकों के सरकारी गवाह ने मुंबई पुलिस को शराब के नशे में किया कॉल, हुआ गिरफ्तार
Mumbai Crime: पुलिस ने मंजूर के खिलाफ IPC की धारा 506 (2), 505(1) और 182 के तहत मामला दर्ज किया है.
Mumbai Crime: मुंबई में पुलिस ने एक 52 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी की पहचान मंजूर कुरैशी के तौर पर की है. मंजूर कुरैशी पर आरोप है कि उसने नशे के हालत में पुलिस को कॉल कर झूठी शिकायत की है. मंजूर कुरैशी ने कॉल कर जानकारी दी थी कि दो लोगों ने उसे बीजेपी (BJP) के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार को गोली मारने के लिए कहा है.
उसने कहा कि वो पुलिस को कॉल इस वजह से कर रहा है, ताकि उसे मदद मिल सके. बता दें कि आरोपी साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में सरकारी गवाह (approver) रह चुका है. साथ ही आरोपी कई साल जेल में भी बिता चुका है. बांद्रा इलाके के निर्मल नगर पुलिस ने बताया कि आरोपी मंजूर कुरैशी ने 28 फरवरी के दिन मुंबई पुलिस के कंट्रोल रूम को कॉल किया.
शराब के नशे में किया कॉल
पुलिस ने कॉल के आधार पर बांद्रा इलाके में तलाशी लेना शुरू किया और कॉलर का पता लगाया. जिसके बाद पुलिस ने देखा कि वो शराब के नशे में था. पुलिस ने एक दिन इंतजार किया ताकि उसका नशा उतरे और आगे की जांच की जा सके. सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने आरोपी के रिश्तेदारों से पूछताछ की और कई लोगों से मामले को समझा. जिसके बाद पुलिस को पता चला कि मंजूर कुरैशी ने अपने रिश्तेदारों से शराब के लिए पैसे मांगे थे. उसके रिश्तेदारों परवेज कुरैशी और जावेद कुरैशी ने जब उसे पैसे देने से इंकार कर दिया, तब आरोपी मंजूर ने उन दोनों को सबक सिखाने के लिए मुंबई पुलिस के कंट्रोल पर कॉल कर दिया. जिसमें उसने कहा कि उसे उन दोनों ने बीजेपी के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार को गोली मारने को कहा है.
IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने मंजूर के खिलाफ IPC की धारा 506 (2), 505(1) और 182 के तहत मामला दर्ज किया और उसे गिरफ्तार कर आगे की जांच कर रही है. बता दें कि पुलिस मंजूर कुरैशी को पहले भी कई मामलों में गिरफ्तार कर चुकी है. साथ ही उसने 12 मार्च 1993 को बॉम्बे में दो घंटे के भीतर सिलसिलेवार 12 धमाके हुए थे, उसमें सरकारी गवाह के तौर पर भी रह चुका है.
सीरियल ब्लास्ट में 14 दोषियों को सुनाई गई थी फांसी
मुंबई 1993 सीरियल बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही करीब 713 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे. जिसके बाद मुंबई पुलिस ने इस केस में 4 नवंबर, 1994 को 10 हजार पन्नों की चार्जशीट दायर की थी. टाडा कोर्ट में 22 साल तक इस मामले की सुनवाई चली. 600 लोगों की गवाही के बाद 2006 में कोर्ट ने मुख्य आरोपी टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन और संजय दत्त समेत 100 लोगों को दोषी ठहराया था, जबकि 23 लोग बरी हुए थे. इस केस में अब तक कुल 14 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई. इनमें से याकूब मेमन को 2015 में फांसी पर चढ़ाया जा चुका है. अबू सलेम समेत 22 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई. अवैध हथियार मामले में संजय दत्त अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. फिलहाल इस मामले में टाइगर मेमन और दाऊद इब्राहिम समेत 27 आरोपी फरार हैं.