डिनर्स क्लब घोटाला मामले की जांच कर रही मुंबई साइबर पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड आशीष रवींद्रनाथन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है. उसने अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड की घोटाले में पीड़ितों से कई लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी. बदा दें कि आरोपी ने अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड घोटाला मामले में सभी पीड़ितों को सॉरी वाला मैसेज भेजा था, ऐसा इसलिए क्योंकि आरोपी का मानना ​​था कि अमीर लोग उनके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करेंगे. उसने डिनर्स क्लब घोटाले के हर पीड़ित को इसी तरह के मैसेज भेजे थे. 


डीसीपी ने सतर्क रहने की नसीहत दी
डीसीपी बालसिंह राजपूत ने बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के साइबर पुलिस स्टेशन में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी की घोषणा करने के लिए मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. बता दें कि पांचो आरोपी एमबीए, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, होटल मैनेजमेंट और कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट हैं. जो घोटालेबाज के तौर पर नागरिकों के निशाना बना रहे हैं. रैकेट चलाने वालों की नजर उच्च आय वर्ग के लोगों पर रहती थी. डीसीपी ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि "हम नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे मुफ्त विशेषाधिकार कार्ड और क्लबों की सदस्यता में न फंसें और अगर उनके साथ धोखा हुआ है, तो कृपया आगे आएं और साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करें."


पुलिस ने एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ताजा घोटाले में अब तक मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में 35 से 40 लोग इससे पीड़ित हैं और आरोपियों ने इन लोगों से लगभग 10-15 करोड़ रुपये जमा किए थे. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि "हमें संदेह है कि वह और साइबर धोखाधड़ी में शामिल है, लेकिन चूंकि वह फरार है, इसलिए हम और अधिक जानकारी नहीं दे सकते हैं".


पुलिस कर रही आरोपी की तलाश 
पुलिस ने इस मामले को लेकर अहमदाबाद में बड़े पैमाने पर तलाशी की है. आशीष के परिवार के सदस्यों और उसकी पत्नी से भी पूछताछ की लेकिन पता चला कि वह पिछले छह महीनों से घर नहीं आया है. हलांकि पुलिस ने बताया कि वह हमेशा अपने परिवार वालो को पैसे भेजता रहा हे. पुलिस ने पाया है कि उसने जो पैसा कमाया था, उसका ज्यादा हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया था. 


पुलिस ने यह भी बताया है कि वह एक आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहला साइबर अपराध, धोखाधड़ी का मामला 2009 में दर्ज किया गया था. जब वह आईआईटी गांधीनगर में पढ़ रहा था. साइबर पुलिस के अनुसार, आशीष को 19 साल की उम्र में 2009 में अहमदाबाद पुलिस ने क्रेडिट कार्ड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव बनकर कई लोगों से कुल 10 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.


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