Mumbai Crime: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के एक कॉन्स्टेबल पंकज यादव ने अपने ही विभाग के सब-इंस्पेक्टर की पीट-पीटकर हत्या कर दी. हत्या करने की वजह यह थी कि 2019 में उस कॉन्स्टेबल का वेतन कम कर दिया गया था. 30 वर्षीय आरोपी कॉन्स्टेबल ने वेतन कम किए जाने के जिम्मेदार तीन अन्य अधिकारियों को मारने की भी पूरी प्लानिंग की थी. इस हत्याकांड के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल को पकड़ने के लिए रात करीब 11 बजे आरपीएफ के पुलिसकर्मी कल्याण पूर्व के कोलसेवाड़ी पुलिस स्टेशन पहुंचे. जहां से वो पहले ही भाग चुका था.
बता दें कि पंकज यादव ने 56 वर्षीय पुलिस सब-इंस्पेक्टर बसवराज गर्ग के साथ मारपीट की और भाग गया. गर्ग को कल्याण रेलवे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कोलसेवाडी पुलिस ने यादव को ट्रैक करने के लिए एक टीम तैनात की. पुलिस को पता चला कि आरोपी चिपलून की ओर भाग गया है. टीम को आखिरकार पता चला कि यादव पेन पहुंचे थे, जहां कॉन्स्टेबल की पोस्टिंग थी. इसके बाद पीछा करने वाले अधिकारी पेन पहुंचे, जहां यादव को एक बैरक में छिपा हुआ पाया गया. अधिकारी उस कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार करके कोलसेवाडी थाना ले आए.
आरोपी कर रहा था मौके की तलाश
पूछताछ के दौरान, यादव ने हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा किया. 2019 में, पीएसआई गर्ग और कॉन्स्टेबल यादव दोनों कल्याण आरपीएफ से में तैनात थे. कोलसेवाडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक एमआर देशमुख ने कहा कि आरोपी यादव किसी कारणवश झगड़ा हो गया था. जिसके परिणामस्वरूप यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. पीएसआई गर्ग उस अनुशासनात्मक समिति का हिस्सा थे. जिसने यादव के खिलाफ विभागीय जांच की थी. पैनल ने उनकी वेतन वृद्धि रोकने और उनके मूल वेतन को कम करने का फैसला किया था.
मौका पाते ही कर दिया हमला
आरोपी कांस्टेबल पंकज यादव का जब से वेतन में कटौती वाला फैसला आया था तब से वो बसवराज गर्ग सहित दो अन्य अधिकारियों को सबक सिखाने की कोशिश कर रहा था. यादव रोहा रेलवे स्टेशन पर तैनात था, जो पेन आरपीएफ पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में आता है. बुधवार (8 फरवरी) की रात करीब 9.45 बजे वह कल्याण रेलवे स्टेशन पहुंचा और सीधे बैरक चला गया. जब यादव ने पीएसआई गर्ग को वहां देखा तो यादव ने तुरंत ही बांस से गर्ग पर हमला करना शुरू कर दिया. एक अधिकारी ने कहा कि यादव ने उसे छाती, सिर और चेहरे पर मारा, जिससे वह लहूलुहान हो गया.
मौके से भाग निकला आरोपी
इस बीच, एक अन्य पीएसआई, राकेश कुमार त्रिपाठी, जो बैरक में अपने कपड़े सुखा रहे थे, उन्होंने चीख-पुकार सुनी तो वह गर्ग के कमरे की ओर भागे. उन्होंने देखा कि यादव खून से लथपथ फर्श पर पड़े गर्ग को मार रहे हैं. त्रिपाठी के कमरे में आते ही यादव तुरंत पीछे हट गया. जबकि पीएसआई त्रिपाठी ने गर्ग को अस्पताल ले जाने में मदद करने के लिए अपने सहकर्मियों को बुलाया. डीसीपी (जोन 3) सचिन गुंजाल ने कहा कि यादव गुस्से में था और उसने गर्ग और अन्य लोगों से बदला लेने का फैसला किया था. बुधवार को जब वह बैरक में आया तो यादव ने गर्ग को अनजाने में पकड़ लिया और उसकी पिटाई शुरू कर दी. यादव का वार जानलेवा साबित हुआ.
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