मुंबई: मुंबई में 26 वर्षीय विजय सिंह की कथित रूप से पुलिस हिरासत में मौत हो गई. इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उस कपल के खिलाफ भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है जिसने विजय सिंह की शिकायत की थी. कपल का आरोप है कि विजय ने अपने बाइक की लाइट लड़की के मुंह पर मारी. इसी बात को लेकर दोंनो में हाथापाई हो गई. इतने में मौके पर पहुंची पुलिस दोनों को थाने ले गई. पुलिस स्टेशन में लड़की की शिकायत पर शिकायत दर्ज की गई. मृतक के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने विजय को पीटा जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.


सियोन इलाके का निवासी विजय सिंह एक दवा कंपनी में एमआर के रूप में काम करता था. उसे एक हमले के संबंध में पूछताछ के लिये हिरासत में वडाला ट्रक टर्मिनस थाने में रखा गया था. इस दौरान उसकी मौत हो गई. मृतक के परिवार के सदस्यों और दोस्तों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में उसकी पीट-पीटकर हत्या की गई. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘घटना की जांच के बाद वडाला ट्रक टर्मिनस पुलिस थाने के एक सहायक पुलिस निरीक्षक, एक उप निरीक्षक और तीन कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है.’’


उन्होंने कहा कि इस मामले को हिरासत में हुई मौत के मामले की तरह लिया जा रहा है और अपराध शाखा ने जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया.


स्थानीय लोगों का प्रदर्शन


इस बीच, मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों ने वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन कर मुंबई पुलिस आयुक्त से मुलाकात की मांग की. पुलिस के अनुसार सिंह ने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया, लेकिन वह थाने के दरवाजे पर गिर गया.



सिंह के साथ रहे उनके दोस्त अंकित मिश्रा ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर मौजूद अधिकारी और सिपाही ने उसकी पिटाई की और मांगने पर पानी तक नहीं दिया. मिश्रा ने आरोप लगाया कि जब वह दर्द के कारण बोलने की स्थिति में भी नहीं रहा तो ड्यूटी पर मौजूद अफसर ने बाहर थाने में सिंह का इंतजार कर रहे परिजनों से एक कैब बुलाकर उसे अस्पताल ले जाने को कहा.


सिंह के परिवार के सदस्यों और स्थानीय लोगों ने वडाला ट्रक टर्मिनस थाने के बाहर मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और मुंबई पुलिस आयुक्त के साथ बैठक की मांग की. तख्तियां और बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने ड्यूटी अधिकारी और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.


बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. एक अधिकारी ने बताया कि कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने बेस्ट की बसों पर पत्थर फेंके जिससे कम से कम एक बस के शीशे टूट गए. उन्होंने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है.