Mumbai Crime: मुंबई पुलिस ने फर्जी चेक मामले में पिछले 25 साल से लापता 62 वर्षीय एक शख्स को गिरफ्तार किया है. गुरुवार (16 फरवरी) को एक अधिकारी ने बताया कि मध्य मुंबई के रफी अहमद किदवई मार्ग पर मामला दर्ज किया गया था. आरोपी ने 40 कैमरे खरीदने के लिए 50,000 रुपये का फर्जी चेक देकर एक कैमरा कंपनी को धोखा देने की कोशिश की थी.
अधिकारी ने कहा कि उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन बाद में उसने अदालत में पेश होना बंद कर दिया और लापता हो गया. मामले के मुख्य आरोपी, जिसके इशारे पर उसने चेक दिया था, मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. हाल ही में, पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली कि लापता व्यक्ति गुजरात के भरूच जिले के अछोड़ गांव में रह रहा है. अधिकारी ने कहा कि मुंबई पुलिस की एक टीम ने भरूच का दौरा किया और गुजरात पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया.
7 लाख रुपये ठगे
मुंबई से इस तरह का एक और मामला सामने आया है, जहां एक महिला से कथित तौर पर कूरियर कंपनी के कर्मचारी बनकर एक जालसाज द्वारा लगभग 7 लाख रुपये की ठगी की गई. पीड़िता प्राची ढोके ने अपनी शिकायत में कहा कि उसे एक कूरियर कंपनी के कस्टमर केयर अधिकारी के रूप में एक व्यक्ति का फोन आया. पुलिस ने शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि उसने उसे बताया कि उसके नाम पर एक अंतरराष्ट्रीय पार्सल, जिसमें दो पासपोर्ट, पांच एटीएम कार्ड, 300 ग्राम चरस और एक लैपटॉप शामिल है, उसे अस्वीकार कर दिया गया है.
आईडी का किया जा रहा दुरुपयोग
जब प्राची ढोके ने उस व्यक्ति को बताया कि पार्सल उसने नहीं भेजा है, तो कॉलर ने उससे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया क्योंकि उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है. प्राची ढोके ने अपनी शिकायत में कहा कि इसके बाद, कॉल करने वाले ने मुंबई पुलिस के एक अधिकारी के रूप में एक व्यक्ति को कॉल ट्रांसफर कर दिया, जिसने उसे बताया कि उसकी आईडी का अंतरराष्ट्रीय तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है."उन्होंने मुझे यह कहते हुए जांच में मदद करने के लिए कहा कि वे मुझे एक प्रमाण पत्र देंगे कि मैं इस मामले में शामिल नहीं हूं."
पुलिस ने कहा कि जालसाजों ने आरबीआई से जांच के बहाने महिला से 95,499 रुपये ट्रांसफर करने को कहा. उन्होंने प्राची ढोके की शिकायत का हवाला देते हुए कहा कि आरोपी द्वारा सुरक्षा जमा और जांच के नाम पर और पैसे मांगे जाने के बाद पीड़िता ने चार लेनदेन में कुल 6,93,437.50 रुपये ट्रांसफर किए. जांच अधिकारी इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC)की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखा), 420 (धोखाधड़ी) के तहत शुक्रवार को साइबर अपराध, पूर्वी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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