Mumbai: मुंबई के कालाचौकी पुलिस स्टेशन के एक सिपाही ने अपने सीनियर इंस्पेक्टर और पुलिस सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. सिपाही ने दावा किया है कि पांच दिन की छुट्टी के लिए तीन महीने से उसका वेतन रोक दिया है. 40 वर्षीय कांस्टेबल ने मिड-डे को बताया कि उसने अपने बीमार बच्चे की देखभाल के लिए छुट्टी ली थी और इसके लिए छुट्टी का फॉर्म भी जमा किया था. हालांकि, सीनियर्स ने उसकी छुट्टी को मंजूर नहीं किया. उन्होंने वेतन रोकने के लिए पत्र भेज दिया, जिसके चलते उसे पिछले 3 महीनों से वेतन नहीं मिला है.


व्हाट्सएप ग्रुप पर किया दावा
कालाचौकी थाने के सिपाही ने पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप पर लिखा कि वेतन की कमी और बढ़ते लोन के बिलों से बहुत परेशान हूं. चैट में उसने लिखा 'मैं कलाचौकी पुलिस स्टेशन में सिपाही के तौर पर तैनात हूं. तीन महीने पहले मैंने अपने बीमार बेटे की देखभाल के लिए पांच दिन की छुट्टी ली थी. मेरे बच्चे के पैर में दर्द हो रहा था. मैं उसे अस्पताल ले गया था. मैंने छुट्टी लेकर कोई नियम नहीं तोड़ा. मेरे लिए यह एक इमरजेंसी स्थिति थी. मैंने विभाग को छुट्टी का फॉर्म जमा किया. मैंने अपने सीनियर्स को भी बताया लेकिन किसी वजह से उन्होंने मेरी छुट्टी मंजूर नहीं की. मेरे सीनियर सेक्शन कारकुन पीएसआई कांबले ने मेरी छुट्टी मंजूर नहीं की.


उन्होंने एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (मध्य क्षेत्र) के कार्यालय पर 'वेतन केओ' (वेतन रोकने के लिए) के साथ एक पत्र भी भेजा. मैंने होम लोन भी लिया है और उसकी ईएमआई बकाया है. लोन रिकवरी एजेंट मुझे फोन करके परेशान कर रहे हैं. सिपाही ने लिखा वेतन बंद होने के कारण उसका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है और आत्महत्या करने की सोच रहा है. अगर मुझे कुछ होता है तो कालाचौकी पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर आनंद मुले और पीएसआई कांबले जिम्मेदार होंगे.


वेतन के लिए काट रहा चक्कर
सिपाही के मुताबिक, अपने वेतन के लिए वह बार-बार मध्य क्षेत्र कार्यालय के चक्कर काट रहा है. वहां के कर्मचारियों ने बताया है कि बिना थाने के पत्र के उसका वेतन जारी नहीं किया जा सकता है. कालाचौकी थाने के सीनियर इंस्पेक्टर आनंद मुले ने मिड-डे को बताया कि संबंधित सिपाही का वेतन जल्द जारी कर दिया जाएगा और उसका वेतन जल्द ही खाते में आ जाएगा. वेतन रोकने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा इस तरह का कुछ भी नहीं है और कॉल काट दी.


इसके अलावा जोन 4 के डीसीपी डॉ. प्रवीण मुंडे ने कहा कि मुझे किसी कांस्टेबल की जानकारी नहीं है, जिसका वेतन रोका गया है. मैं इस मामले को देखूंगा और संभवत: प्रशासनिक कार्य में कांस्टेबल की मदद करूंगा. मैं इस मामले की जांच करूंगा.


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