नई दिल्ली: जम्मू के एनसी नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की दिल्ली के मोती नगर इलाके में हुई हत्या मामले में पुलिस के सामने हरमीत सिंह नामक संदिग्ध का फेसबुक प्रोफाइल आया है. इसमें 27 प्वाइंट का कबूलनामा अपलोड किया गया है. सुसाइड करने की बात भी लिखी है. जम्मू निवासी हरमीत सिंह ने दावा किया है कि हत्या उसने की है, हरप्रीत ने नहीं.


दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ये वेरीफाई कर रही है कि हरमीत सिंह के फेसबुक प्रोफाइल पर अपलोड किया गया 5 पेज का लेटर सच में हरमीत सिंह का कबूलनामा और सुसाइड नोट है या फिर पुलिस जांच को भटकाने का कोई नया पैंतरा. हरमीत सिंह के फेसबुक प्रोफाइल पर ये 5 पेज शनिवार सुबह 4 बजकर 5 मिनट से 4 बजकर 11 मिनट तक अपलोड किए गए. हरमीत सिंह के प्रोफाइल पर बहुत कम पोस्ट हैं.


दिल्ली पुलिस का कहना है कि लगातार हरप्रीत और हरमीत की तलाश में छापेमारी की जा रही है. हरमीत का फोन शुक्रवार तड़के 7 मिनट के लिए ऑन किया गया और फिर ऑफ कर लिया गया. जब टेक्निकल सर्विलांस की मदद ली गयी तो लोकेशन जम्मू की ही पाई गई. लेकिन फिर हरमीत सिंह के फेसबुक प्रोफाइल पर ध्यान गया तो उस पर 5 पन्ने पोस्ट किए गए थे. जिसमें 27 प्वाइंट लिखे हुए थे और इन प्वाइंट में ये दावा किया गया कि ये सब कुछ हरमीत सिंह ने लिखा है और हरमीत सिंह ने ही त्रिलोचन सिंह वज़ीर की गोली मार कर हत्या की है. 


फेसबुक पोस्ट पर क्या लिखा है
इस 5 पेज के कंफेशन कम सुसाइड नोट में दावा किया गया है कि हरमीत सिंह दिल्ली में हरप्रीत सिंह खालसा के घर रुका हुआ था. टीएस वजीर कनाडा जाने की तारीख से 1 दिन पहले हरप्रीत के पास आ गया. हरप्रीत ने हरमीत सिंह से कहा कि आप होटल चले जाओ, वजीर आपको देख कर गुस्सा होगा.


हरमीत सिंह होटल चला गया. कुछ देर बाद हरप्रीत के घर गया. जाली का दरवाजा बंद था लेकिन बाहर का गेट खुला था. अंदर से दोनों की बात करने की आवाज आ रही थी. वज़ीर हरप्रीत से कह रहा था कि हरमीत को मारने के लिए 4 करोड़ की सुपारी दी गयी है. मैं कनाडा से जब तक वापस लौटूंगा, हरमीत को मार दिया जाएगा. फिर मेरा शहर पर पूरा राज होगा. हरमीत को ये सुनकर गुस्सा आया और उसने दरवाजा खटखटाया. कहा दरवाजा खोलो मुझे बात करनी है. हरमीत अंदर गया और वजीर से कहने लगा, मेरी क्या दुश्मनी है तुमसे. तुम मुझे अपना दोस्त बोलते हो. हम दोनों की बहस होने लगी.



हरप्रीत ने मुझे शांत करवाया. फिर वह कोल्ड ड्रिंक लेने बाहर गया. वजीर अंदर कमरे में चला गया. मुझे गुस्सा आ रहा था. मुझे पता चला कि वज़ीर के पास गन है. मैं उसके पीछे गया और उसे गोली मार दी. हरप्रीत आया तो देख कर डर गया. रोने लगा. मैंने उसे गन दिखा कर डराया और चुप रहने को कहा. हरप्रीत को एयरपोर्ट भेजा, वजीर का मोबाइल लेकर. कहा कि अगर वजीर के घर वालों का फोन आए तो कहना वजीर ने फ्लाइट पकड़ ली है लेकिन फोन भूल गए हैं. मैंने हरप्रीत को कहा कि मुझे कुछ पैसे दे, मैं सब सेटल कर दूंगा. उसने अपना सामान बेचकर पैसे दिए. मैं जम्मू आया. फिर उसने मेरी वापसी के लिए एयर टिकट कराई. मैं वापस दिल्ली आया.


मैंने हरप्रीत से कहा कि अब मैं पुलिस के सामने सरेंडर करता हूं. हम दोनों पहले गुरुद्वारा साहिब गए. वहां मत्था टेकने के बाद बाहर आये. मैंने हरप्रीत से कहा भूख लगी है. फिर हमने खाना खाया. खाना खाकर हम थाने की तरफ जा ही रहे थे कि हमारे फोन पर पुलिस की कॉल आ गयी. हम डर गए. मैंने हरप्रीत से कहा यहां से भाग चलते हैं. हम दोनों पंजाब आ गए. हरप्रीत बोला मर तो मैं जाऊंगा ही, आप मुझे मार दो.


इस लेटर में लिखा है कि हरप्रीत बेकसूर है. मैं हत्या के लिए जिम्मेदार हूं. मैं सुसाइड कर रहा हूं. अपने परिवार और बेटे को संबोधित करते हुए ध्यान रखने को कहा है. लेटर के आखिर में हरमीत सिंह, जम्मू का पता लिखा है और अंगूठे के दो निशान लगाए हैं.


ये भी पढ़ें-
जम्मू के सिख नेता त्रिलोचन सिंह वजीर का दिल्ली में मिला शव


कोरोना से हुई मौत तो उसे डेथ सर्टिफिकेट पर लिखा जाएगा, सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश