नई दिल्ली: रांची में एक दुष्कर्म की पीड़िता के बच्चे को बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. बच्चा बेचने का आरोप मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित निर्मल ह्रदय आश्रम पर लगा है. मामला सामने आने के बाद निर्मल हृदय आश्रम पर छापेमारी की गई और उसे सील कर दिया गया. इस मामले में रांची के कोतवाली थाना में मामला दर्ज करवाया गया है.


दुष्कर्म पीड़िता की बच्ची को बेचा गया


जिस बच्ची को बेचा गया है उसकी अविवाहित मां गुमला की रहने वाली है. वह दुष्कर्म की पीडि़ता है. मामला तब सामने आया जब उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले के ओबरा निवासी व्यवसायी सौरभ कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी प्रीति अग्रवाल के पास बेचा गया. इसके बाद वापस बच्चे को एक महीने बाद रांची बुलाकर वापस ले लिया गया. दोनों पति-पत्नी जब बच्चे को वापस लेने के लिए रांची पहुंचे तब उन्हें बच्चा देने से इंकार कर दिया गया. जिसके बाद वे पूरे मामले को लेकर पुलिस के पास पहुंचे तब यह मामला खुलकर सामने आया कि इस आश्रम से और कई बच्चों को बेच दिया गया है.


मामले में एक गिरफ्तार, दो सिस्टर हिरासत में


मामले में रांची बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. इसके बाद निर्मल हृदय में काम करने वाली स्टाफ अनिमा इंदवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. वहीं दो सिस्टरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस अन्य संलिप्त लोगों की तलाश में छापेमारी भी कर रही है.


कई बच्चों को बेचा गया है


सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा कुमारी ने बताया कि निर्मल हृदय की सिस्टरों की मिलीभगत से रेप की शिकार मां के नवजात को 1.20 लाख रुपये में बेच दिया गया था. इसमें निर्मल हृदय की प्रभारी सिस्टर कांसिलिया सहित अन्य की भूमिका रही है. यह मामला तब सामने आया जब बीते एक जुलाई को सौरभ कुमार और उनकी पत्नी को कोर्ट बुलाकर वापस बच्चे को ले लिया. इसके बाद गायब हो गई. बार-बार संपर्क करने के बावजूद कुछ पता नहीं चलने पर दंपत्ति सीडब्ल्यूसी पहुंचे और इसकी शिकायत की. आश्रम से पहले भी चार बच्चों की बिक्री की जा चुकी है. गिरफ्तार आरोपी महिला व सिस्टरों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है.


निर्मल हृदय आश्रम को कराया खाली


सीडब्ल्यूसी ने निर्मल हृदय आश्रम को खाली करा दिया है. वहां रह रहीं 14 गभवर्ती पीड़िताओं को नामकुम स्थित प्रोबेशन होम में शिफ्ट किया गया. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा के अनुसार आश्रम को सील करते हुए ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन को आदेश दिया गया है. सीडब्ल्यूसी के मुताबिक आश्रम में बिना सूचना के गर्भवती पीड़िताओं को रखा जाता है. इसे नवजातों की बिक्री का अड्डा बना दिया गया है.