नई दिल्ली/लंदन : ट्विटर सहित विभिन्न सोशल नेटवर्कों पर लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. समारोहों/कार्यक्रमों और घटनाओं की खबर या फिर उनकी जानकारी साझा करने की प्रवृत्ति में तेजी से इजाफा हुआ है. जिसके आधार पर एक ताजा अध्ययन कहता है कि पुलिस की तुलना में ट्विटर के जरिए दंगों या अशांतिपूर्ण घटनाओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है.
कंप्यूटर प्रणाली स्वत: ही सभी ट्वीट टिप्पणियों की जांच कर सकती है
अध्ययन में कहा गया है कि मशीन लर्निग गणना प्रणाली का उपयोग कर कंप्यूटर प्रणाली स्वत: ही सभी ट्वीट टिप्पणियों की जांच कर सकती है. साथ ही गंभीर घटनाओं की पहचान पुलिस को खबर होने से पहले कर सकता है. कंप्यूटर प्रणाली के जरिए यह भी जाना जा सकता है कि दंगे किस जगह पर फैलने की अफवाह थी और लोगों की भीड़ कहां इकट्ठा हुई.
कुछ मिनट पहले ही इस तरह की घटनाओं का पता लगा सकता है
औसतन कंप्यूटर प्रणाली किसी घटना के संबंध में अधिकारियों को जानकारी होने से कुछ मिनट पहले ही इस तरह की घटनाओं का पता लगा सकता है. कुछ मामलों में तो सुरक्षाकर्मियों को सूचना मिलने से घंटा भर पहले कंप्यूटर प्रणाली उनका पता लगा सकती है. शोध पत्रिका 'एसीएम ट्रांजेक्शन ऑन इंटरनेट टेक्नोलॉजी' के ताजा अंक में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है.