इलाहाबाद: यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश के चित्रकूट एवं बांदा और मध्य प्रदेश में कई आपराधिक मामलों में वांछित कुख्यात डकैत रामगोपाल उर्फ गोप्पा को चित्रकूट जिले के नेउरा जंगल में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. रामगोपाल पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित था.
अपर पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) प्रवीण सिंह चौहान के मुताबिक, रामगोपाल के बारे में सूचना जुटाने के लिए इंस्पेक्टर रिषिकेश यादव और इंस्पेक्टर विमल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक जंगल टीम का गठन किया गया था. आज सूचना मिली कि रामगोपाल अपने गिरोह के अन्य साथियों के साथ हनुमानगंज और लालता रोड के बीच नेउरा के जंगल में मौजूद है.
उन्होंने कहा कि इस सूचना पर एसटीएफ की टीम स्थानीय पुलिस को साथ लेकर नेउरा के जंगल में गई और इलाके की घेराबंदी कर दी गई. जैसे ही गिरोह के आने की आहट सुनाई दी, एसटीएफ की टीम ने गिरोह से आत्मसमर्पण करने को कहा.
इस पर गिरोह के सदस्यों ने पुलिस बल पर फायरिंग शुरू कर दी और भागने की कोशिश की. गिरोह के अन्य सदस्य ऊबड़ खाबड़ जमीन और जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे, लेकिन गिरोह के सरगना रामगोपाल को गिरफ्तार कर लिया गया.
पूछताछ करने पर रामगोपाल ने बताया कि उसे अपराध जगत में आने की प्रेरणा दस्यु सरगना शिव कुमार पटेल उर्फ ददुआ और अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया से मिली. साल 2003 में वह ठोकिया गिरोह में शामिल हो गया और ठोकिया के मारे जाने का बाद वो गौरी यादव गिरोह का सक्रिय सदस्य बन गया. फिलहाल वो अलग गिरोह चला रहा था और जंगल के ठेकेदारों से रंगदारी और अपहरण कर फिरौती भी वसूल रहा था.
इस कुख्यात डकैत के खिलाफ चित्रकूट, बांदा और मध्य प्रदेश में कुल 38 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 20 मामलों में वह वांछित चल रहा था. एसटीएफ ने रामगोपाल के पास से 12 बोर की एक बंदूक, 13 कारतूस और 5 खोखा बरामद किए हैं.