Naba Das Murder Case: नबा दास हत्याकांड की नहीं सुलझ पा रही गुत्थी, ओडिशा के DGP ने दिए तमाम सवालों के जवाब
Odisha Minister Naba Das Murder: डीजीपी ने कहा कि स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की एक टीम झारसुगुड़ा में डेरा डाले हुए है, वहीं सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही अपराध स्थल का दौरा कर सकती है.
Odisha Minister Naba Das Murder: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नबा दास की हत्या की गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पाई है. इस हत्याकांड का जवाब पुलिस के पास कई दिनों बाद भी नहीं है. पुलिस को उस राज का अब तक पता नहीं चल पाया है कि एएसआई ने क्यों मंत्री पर गोली चलाई थी. लगातार उठ रहे सवालों के बीच अब ओडिशा के डीजीपी सुनील बंसल ने इस पर चु्प्पी तोड़ी है. जिसमें उन्होंने कहा कि जांच में कुछ और समय लगेगा और किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी.
बंसल ने जानकारी देते हुए कहा, 29 जनवरी को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना हुई. हम सभी सदमे की स्थिति में हैं. हम अभी भी सोच रहे हैं कि यह घटना कैसे हुई. क्या इसे रोका जा सकता था?
बड़े अधिकारी कर रहे मामले की जांच
उन्होंने कहा, कई बार कुछ घटनाएं ऐसी भी हो जाती हैं जिनके बारे में किसी ने कभी सोचा भी नहीं होता. भगवान जगन्नाथ को छोड़कर कोई सोच भी नहीं सकता कि ऐसी घटना हो सकती है. यह एक ऐसी घटना है. उन्होंने कहा कि, घटना की समुचित जांच के लिए तुरंत क्राइम ब्रांच जांच के आदेश दिए गए और एडीजी अरुण बोथरा खुद वहां कैंप कर जांच की निगरानी कर रहे हैं. बोथरा के पास सीबीआई का भी अनुभव है और उन्हें न केवल ओडिशा में बल्कि पूरे देश में एक सर्वश्रेष्ठ जांचकर्ता के रूप में जाना जाता है.
मंत्री की हत्या को लेकर डीजीपी ने कहा, हमने स्वत: संज्ञान लेते हुए उड़ीसा हाईकोर्ट से एक वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा पूरी जांच प्रक्रिया की निगरानी करने का अनुरोध किया. तदनुसार, इस मामले को देखने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेपी दास को नियुक्त किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कल कोई भी जांच प्रक्रिया में किसी भी तरह के पुलिस हस्तक्षेप की ओर उंगली न उठा सके, हमने एहतियात के तौर पर स्थानीय पुलिस अधिकारियों का तबादला कर दिया है.
जांच में लगेगा कुछ और वक्त
बंसल ने कहा, हालांकि कुछ तथ्य सामने आए हैं, लेकिन जांच प्रक्रिया को पूरा करने में अभी कुछ और समय लगेगा. क्योंकि इस तरह के अपराध के मामलों में कोई भी दो या चार दिनों के भीतर सभी विवरणों को जानने में सक्षम नहीं होता है. हमने सेंट्रल साइंटिफिक फॉरेंसिक लेबोरेटरी (सीएसएफएल), नई दिल्ली से संपर्क किया है. मैंने व्यक्तिगत रूप से गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है. केंद्र सरकार ने मामले की उचित जांच के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है.
उन्होंने बताया कि स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की एक टीम झारसुगुड़ा में डेरा डाले हुए है, वहीं सीएफएसएल की एक टीम जल्द ही अपराध स्थल का दौरा कर सकती है. आरोपी बर्खास्त एएसआई गोपाल दास के हाथ से लिखे कुछ कागजात झारसुगुड़ा एयरपोर्ट थाने के शौचालय से बरामद हुए हैं. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इसकी फॉरेंसिक जांच से पहले सबूतों के बारे में कोई राय बनाना जल्दबाजी होगी.
अपराध के पीछे क्या है मकसद?
डीजीपी ने कहा, जांच अभी भी चल रही है और जांच के लिए सभी विकल्प खुले हैं. अगर हमारे पास कोई सबूत या संकेत या सुराग है, तो हम उसे तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएंगे. अपराध के पीछे के मकसद के बारे में पूछे जाने पर, डीजीपी ने कहा, मकसद कुछ ऐसा है जो उसके दिमाग में छिपा है. ऐसी कोई मशीन नहीं है जो इसे पढ़ सके. इसके बारे में हम उसके चेहरे के भाव, व्यवहार और मानसिक स्थिति से ही जान सकते हैं. इसलिए मकसद का पता लगाने के लिए अपराध की पूरी परिस्थितियों और अपराध के क्रम की जांच की जा रही है.
एसपीजी से सलाह लेगी ओडिशा पुलिस
आरोपी के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के दावों पर टिप्पणी करते हुए बंसल ने कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वो किस बीमारी से पीड़ित था. अगर हां, तो इसने अपराध में किस हद तक योगदान दिया. डीजीपी ने कहा कि ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए ओडिशा पुलिस, विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के साथ चर्चा करेगी, जो प्रधानमंत्री को सुरक्षा देती है. हम उनके एसओपी और अच्छे व्यवहारों पर गौर करेंगे और देखेंगे कि हम इसे अपने सिस्टम में किस हद तक लागू कर सकते हैं.
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