पुलिस जांच के नाम पर गर्भवती महिला को कड़ी धूप में पैदल चलाया, सस्पेंड
एक गर्भवती महिला को भीषण गर्मी में तीन किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर किया गया. घटना की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक ने उक्त अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.
गर्भवती महिला को तीन किलोमीटर पैदल चलने पर किया मजबूर
शिकायत मिलने के बाद तत्काल प्रभाव से पुलिसकर्मी सस्पेंड
भुवनेश्वर: ओडिशा के मयूरभंज जिले में पुलिस अधिकारी ने ऐसी कारस्तानी की है जिससे पूरे विभाग का सिर शर्म से झुक गया है. एक गर्भवती महिला को भीषण गर्मी में तीन किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर किया गया. घटना की सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक ने उक्त अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है.
जानकारी के अनुसार मयूरभंज जिले के सरत पुलिस स्टेशन इंचार्ज रीना बक्सल पर यह गंभीर आरोप है. पुलिस के अनुसार थाने के पास स्टेशन इंचार्ज के नेतृत्व में हेलमेट जांच का अभियान चल रहा था. इसी दौरान बाइक पर अपनी पत्नी को लेकर बिक्रम जा रहा था. बिक्रम ने हेलमेट पहनी हुई थी लेकिन महिला ने नहीं.
पुलिस ने उसे रोका और चालक ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती है और स्वास्थ्य कारणों से हेलमेट उसने नहीं पहना हुआ है. लेकिन, पुलिस की धौंस में रीना बक्सल को गुहार नहीं सुनाई दी. बाइक का 500 रुपए का चालान वहीं पर काट दिया गया. इसके साथ ही पुलिस अधिकारी ने कहा कि चालान चुकाना होगा अभी.
इसके लिए बिक्रम को नजदीकि पुलिस स्टेशन में जाने को कहा गया. इसबीच कड़ी धूप के बीच गर्भवती महिला को अकेले ही तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा क्योंकि उसके पास समय कम था और उसे जरूरी जांच करानी थी. इस मामले की शिकायत मिलते ही उस पर जांच की गई.
जांच में आरोप सही पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से स्टेशन इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच की जा रही है. आगे भी आरोपी पुलिसकर्मी पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. पुलिस के इस असंवेदनशील हरकत से लोगों में काफी नाराजगी है.
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