इस मामले में हैदराबाद के कोटेश्वर राव, कानपुर के बिल्डर व कपड़ा कारोबारी आनंद खत्री और संतोष यादव, वाराणसी में रेल विभाग के इंजीनियर संजय राय को गिरफ्तार किया गया है. एनआईए का कहना है कि हमने इनपुट मिलने के बाद यूपी पुलिस को आगाह किया था. एनआईए इस रेड में शामिल नहीं है लेकिन नजर बनाये हुए है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "कानपुर पुलिस को एक बंद घर में बड़ी मात्रा में पुराने नोटों के होने के बारे में पता चला था. पहले 80 करोड़ कीमत के नोट बरामद हुए और अब ये आंकडा 96 करोड 62 लाख तक पहुंच चुका है. पुलिस जांट में जुटी हुई है."
पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों और आयकर विभाग का दल शीघ्र ही जब्त की गयी राशि की सटीक जानकारी देंगे. पुलिस ने ये भी बताया कि गिरफ्तार किए गए एक शख्स का रिश्तेदार RBI में काम करता है.
पुलिस सूत्रों ने बताया, "हम इस मामले में सरकारी अधिकारयों के शामिल होने की दिशा में भी जांच कर रहे हैं." अधिकारी ने बताया कि यह छापेमारी कानपुर के सीसामऊ इलाके में की गयी और स्वरूप नगर पाकेट के एक होटल से कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया.
पुलिस महानिरीक्षक (कानपुर क्षेत्र) आलोक सिंह इस मामले की निगरानी कर रहे हैं. दरअसल एनआईए को जानकारी मिली थी कि यूपी में कानपुर समेत कई जिलों में मनीचेंजर गैंग सक्रिय हैं, जो औने-पौने दाम पर पुरानी करेंसी को नई करेंसी में बदल रहे हैं.
मेरठ से मिले थे 25 करोड़ रुपए के पुराने नोट
कुछ वक्मेत पहले ही रठ पुलिस ने परतापुर थाना इलाके के राजकमल एन्क्लेव में प्रोपर्टी डीलर और बिल्डर संजीव मित्तल के मकान में बने एक ऑफिस से लगभग 25 करोड़ रुपए की पुरानी करेंसी बरामद की थी. मौके से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया था कि संजीव इस पैसे को एक नामी तेल कम्पनी के ज़रिये आरटीजीएस करना चाहते थे.