Oyo Video Leek Case: बीते दिनों नोएडा स्थित ओयो होटल में कपल्स का अश्लील वीडियो लीक करने का मामला सामने आया था. जिसके बाद नोएडा पुलिस ने हिडेन कैमरे से बनी कपल्स की वीडियो मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और अब ओयो ने इस मामले में आंतरिक जांच शुरू कर दी है. आरोपियों ने शातिर तरीके से इस घटना को अंजाम दिया था. दोनों ही आरोपी पिछले महीने फेज-तीन थाना क्षेत्र में स्थित होटल के एक कमरे में ठहरे थे और कमरे से जाने से पहले उन्होंने वहां हिडेन कैमरा लगा कर घटना को अंजाम दिया था.


इस तरह दिया घटना को अंजाम


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही आरोपियों ने दोबारा से फिर वहीं कमरा बुक किया और लगाया हुआ कैमरा निकालकर वापस ले गए. जिसके जरिए उन दोनों ही आरोपियों ने जोडे़ की अंतरंग स्थिती को रिकॉर्ड किया था और वे दोनो फिर कपल्स को ब्लैकमेल करने लगे. उनकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देने लगे. पीड़ित कपल्स ने पुलिस को घटना की सूचना दी जिसके बाद मामलें की जांच में जुटी पुलिस ने दोनो ही आरोपियों विष्णु सिंह और अब्दुल वहाब को गिरफ्तार कर लिया था.


ओयो कर्मचारी घटना में नहीं हैं शामिल


एडीसीपी ने बताया कि घटना को लेकर होटल के कर्मचारियों से पूछताछ की गई लेकिन अब तक घटना में उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है. होटल और उसके कर्मचारी अभी तक इस घटना में संलिप्त नहीं पाए गए हैं. आरोपी पहले भी होटल में रुक चुके थे. यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस हाल के दिनों में वहां रुके लोगों से संपर्क कर रही है ताकि पुष्टि की जा सके कि क्या किसी और के पास भी पैसों के लिए कॉल आई है या नहीं.


हालांकि पूरे घटना को लेकर अब तक इस प्रकरण पर ओयो कि ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन कंपनी से जुड़े लोगों ने कहा कि वे मामले की आंतरिक जांच कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक ओयो कोई होटल या गेस्ट हाउस संचालित नहीं करता है.बल्कि यह केवल अपने मंच पर सत्यापित परिसंपत्तियों को सूचीबद्ध करता है और उन्हें आईटी-आधारित सहायता प्रदान करता है.


निजी विडियो लीक मामलें में क्या करें?


यदि आपके साथ इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है तो इसकी सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस थाने में दें या साइबर क्राइम में इसकी शिकायत दर्ज कराएं. शिकायत आप ऑनलाइन वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं. जहां भी आपने वीडियो देखा उसका स्क्रीनशॉट और यूआरएल लिंक सेव कर पुलिस या साइबर क्राइम में भी दे सकते हैं, जितनी जानकारी अधिक होगी उतनी ही सोर्स को ढूंढने में मदद मिलेगी. इसके अलावा आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, यूट्यूब पर एब्यूज रिपोर्ट कर और अपने नजदीकियों से रिपोर्ट करा सकते हैं जिसके बाद सोशल मीडिया साइट्स खुद उस कंटेट को हटा देते है.


क्या है सजा का प्रावधान?


निजी वीडियो को वायरल करना बेहद ही जघन्य अपराध है. इसके लिए कानून में सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 सी और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाता है. इस धारा के तहत दोष साबित होने पर एक से पांच साल तक के कारावास और आर्थिक दंड का प्रावधान है.आईटी एक्ट में विभिन्न धाराएं होती हैं. सभी के तहत अलग-अलग सजा का प्रावधान हैं.


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