पद्मावती विवाद: नाहरगढ़ की दीवार पर शव लटकाया, लिखा- हम पुतला जलाते नहीं लटकाते हैं
फिल्म पद्मावती के विरोध में नया हिंसक मोड़ आ गया है. जयपुर के नाहरगढ़ किले की दीवार से एक शख्स की लाश लटकी मिली है.
जयपुर: जयपुर के नाहरगढ़ किले की दीवार से एक शख्स की लाश लटकी मिली है और उसके पास पत्थर पर लिखा है- हम पुतला जलाते नहीं लटकाते हैं. चेतन तांत्रिक मारा गया. इस सनसनीखेज वारदात के बाद पुलिस हरकत में है.
पुलिस ने अपने शुरुआती तफ्तीश में बताया है कि शव की पहचान कर ली गई है. उसका नाम चेतन शर्मा बताया गया है और उसके पास मुंबई का एक रेल टिकट मिला है. पुलिस ने इस वारदात को पद्मावती से जोड़ने से इनकार किया है. पुलिस फिलहाल इस एंगल से जांच कर रही है कि ये मामला आत्महत्या का है या फिर हत्या का.
माहौल बिगाड़ने का प्रयास
एक पत्थर पर लिखा मिला है कि लुटेरे नहीं अल्लाह के बंदे हैं, एक-एक 10-10 पर भारी हैं. चेतन तांत्रिक मारा गया. एक अन्य पत्थर पर लिखा है कि पद्मावती का विरोध करने वालों, हम किले पर सिर्फ पुतले नहीं लटकाते, हम में है दम.
इन बातों से साफ है कि किसी ने हत्या के बाद दीवारों पर ये लिखा है और माहौल को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने का प्रयास किया है. हालांकि पुलिस का साफ कहना है कि अभी तक की जांच से नहीं लगता कि मामले का कोई कनेक्शन पद्मावती से है.
नाहरगढ़ को इसलिए पसंद करते हैं लोग
जयपुर शहर से करीब 22 किलोमीटर दूर इस जगह पर अक्सर लोग शाम में आते हैं. यहां एक रेस्टोरेंट है जहां लोग खाना खाने आते हैं वहीं कुछ लोग दीवारों के आस पास खड़े होकर खाते पीते भी हैं. यहां से शहर का पूरा व्यू मिलता है इसलिए पर्यटक यहां आना पसंद करते हैं.
नाहरगढ़ के भीतर आने के लिए एक टिकट लेना होता है साथ ही रेस्टोरेंट तक जाने वालों को भी अलग से टिकट लेना होता है. यहां पर कुछ सीसीटीवी भी आस पास लगे हुए हैं. पुलिस इन्हीं सीसीटीवी के जरिए भी पता करने का प्रयास कर रही है कि आखिर इस शख्स के साथ यहां कौन आया था.
चेतन तांत्रिक की कहानी
मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत में तांत्रिक चेतन का जिक्र है. तांत्रिक चेतन राघव चित्तौड़गढ़ के राजा रतनसेन के दरबार में हुआ करता था. एक बार उसकी तंत्र विद्या से आहत होकर राजा ने उसे दरबार से बाहर कर दिया था और देश निकाला दे दिया था.
तांत्रिक ने पूर्णिमा की रात पहले ही तंत्र विद्या से पूर्णिमा का चांद दिखा दिया था. इससे पंडितों के साथ साथ राजा रतनसेन भी नाराज हुए थे जो तंत्र विदया के खिलाफ थे. देश निकाले के बाद तांत्रिक चेतन राघव उलाऊद्दीन खिलजी के दरबार में पहुंचा था.
वहां उसने खिलजी को रानी पद्मावती की सुंदरता का बखान किया था. जायसी की पद्मावत के अनुसार चेतन राघव ने जिस तरह से रानी पद्मावती की सुंदरता के बारे में विस्तार से खिलजी को बताया था उसके बाद ही खिलजी की रानी पद्मावती को पाने ही इच्छा जाग्रत हुई थी और उसने चित्तौड़गढ़ के किले पर हमला किया था.