नई दिल्ली: पंचकूला में हुए दंगों मामले में हनीप्रीत की ज़मानत की अर्ज़ी पर पंचकूला की अदालत आज अपना फ़ैसला सुनाएगी. हरियाणा और पंजाब में हुई हिंसा के दौरान हनीप्रीत को सिर्फ़ देशद्रोह के मामले में आरोपी बनाया गया था. मामले की सुनवाई करते हुए सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला 7 जून तक के लिए सुरक्षित रख लिया था. हालाँकि मामले में अभी तक 32 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें से 18 लोगों को ज़मानत मिल चुकी है.
जमानत याचिका में हनीप्रीत ने क्या कहा?
अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हनीप्रीत ने अपनी जमानत यचिका में कहा, ''मुझे पंचकूला हिंसा के केस में जबरन फंसाया जा रहा है. हिंसा में मेरा कोई रोल नहीं है. 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी तब मैं डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी. राम रहीम को सजा होने के बाद मैं राम रहीम के साथ पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल रोहतक चली गई. FIR में मेरा नाम भी बाद में डाला गया और मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैं खुद 3 अक्तूबर 2017 को आत्मसमर्पण करने के लिए आ गई थी. FIR नंबर 345 के अन्य 15 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है तो 245 दिन जेल में रहने के बाद मैं भी जमानत की हकदार हूं. महिला होने के चलते मुझे रियायत दी जानी चाहिए.''
पुलिस ने किया हनीप्रीत की जमानत का विरोध
पुलिस की ओर से हनीप्रीत की जमानत याचिका का विरोध किया गया है. पुलिस की ओर से कहा गया कि हनीप्रीत इस हिंसा और देशद्रोह की मुख्य सजिशकर्ता है. इसमें बड़े स्तर पर नुकसान हुआ, 40 लोगों की हत्या हुई है. यह सब इन्हीं की साजिश की वजह से हुआ. हरियाणा पुलिस की छानबीन में ये आया था कि राम रहीम को सज़ा होने के बाद हनीप्रीत के इशारे पर पंचकूला में हिंसा हुई. हनीप्रीत की ज़मानत अर्ज़ी के साथ ये भी कहा गया कि पुलिस ने हनीप्रीत के ख़िलाफ़ चालान दे दिया है और अगर हनीप्रीत को जमानत दे दी जाती है तो उससे कोई ख़तरा नहीं है.
तलवार दंपति का केस लड़ने वाला हनीप्रीत का वकील
पंचकूला में हुए दंगों के दौरान पुलिस ने डेरे सिरसा के प्रेमियों के ख़िलाफ़ कई मामले दर्ज किये हैं लेकिन बाबा की चहेती हनीप्रीत के ख़िलाफ़ देशद्रोह का एक ही मामला दर्ज है. हनीप्रीत के वक़ील तनवीर अहमद मीर है जिसने आरुषि तलवार के माता पिता का केस लड़ा था.