बिहार: देव सिंह हत्या की इस पूरी घटना के गवाह हैं. उन्होंने एबीपी न्यूज़ को घटना की पल पल की जानकारी दी. इसके अलावा उन्होंने अपने बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, "मैं ए. एन कॉलेज का विश्वविद्यालय प्रतिनिधि हूं इसके अलावा मैं प्रदेश उपाध्यक्ष भी हूं. कन्हैया कौशिक जदयू छात्र विंग के प्रदेश प्रवक्ता थे और ए. एन कॉलेज से जीता हुआ प्रदेश उपाध्यक्ष भी."


देव सिंह ने बताया, "कन्हैया ने अपने घर के बगल में होली मिलन समारोह का एक प्रोग्राम आयोजित किया था. इस प्रोग्राम के लिए एक पोस्टर छपा, जिसमें उसने अपनी फोटो और वहां के कुछ लोकल समाजसेवी लोगों की तस्वीर छपवाई. कन्हैया को पहले से जानने वाला कुश भी वहां बहुत पहले रहता था. वो उस दिन नशे में था और वहां आकर बैनर में खुद की फोटो को लेकर झगड़ा करने लगा. उसने वहां मारपीट की और लगे हुए बैनर को फाड़ दिया. उसने अपने पैर से म्यूज़िक सिस्टम को भी तोड़ दिया और अपनी कार से वहां से निकल गया."


देव सिंह ने आगे कहा, "इतना सब होने के बाद कन्हैया मेरे घर आया. उस वक्त हम सो रहे थे. हमें उठाकर घटना की जानकारी दी. हमने एफआईआर की सलाह दी और हम थाने गए. अभी आवेदन दिया ही गया था कि कुश ने कहा मामले को थाने में नहीं ले जाइए. हम आपस में इसे मैनेज़ कर लेते हैं. फिर कन्हैया और सभी दोस्तों के साथ हम उसके घर के पास गए, हमें वहीं बुलाया गया था. वो (कुश) अपनी कार से निकला और बोला कि मेरे ऊपर केस करने गए थे, तो कन्हैया ने कहा कि आप मुझे मारेंगे और मैं केस भी नही करूं. इस पर कुश तिलमिला कर बोला, जब केस ही करना है तो बढ़िया से करो और वो बंदूक निकाल ली."


कुश द्वारा गोली चलाने के वाकये को देव ने इस तरह बताया. उन्होंने कहा, "जब उसने बंदूक निकाली तो उस वक्त मैंने उसे पकड़ लिया, तभी पहली गोली मेरे ऊपर चली. हम नीचे झुके, इस वजह से मुझे गोली नहीं लगी और मैं वहीं गिर गया. तभी कन्हैया ने उसे पकड़ा. जब कन्हैया ने उसे पकड़ा तो उसने गोली कन्हैया के ऊपर चला दी. उसी समय चंदन जो कि युवा जदयू का सचिव है, वो भी वहां अपनी स्कूटी से पहुंचा. चंदन अभी स्कूटी से उतरा भी नहीं था कि दो गोली उसपर चला दी. उसके हाथ और पैर में गोली लगी है. वो अभी पारस में एडमिट है.


देव सिंह ने कहा, "हम तीनों वहीं गिरे हुए थे. तभी उसने एक-दो गोली इधर-उधर चलाई फिर अपनी कार में बैठा और वहां से निकल गया. ये घटना 8 बजे पूर्वी पटेल नगर रोड नंबर 5 नाला के पास की है. इसके बाद मैंने उसे अपनी बुलेट पर बिठाया और फिर मदद के लिए थाने लेकर गए. वहां से कोई मदद नही मिली. बस सलाह दी गई कि आप इसे लेकर पारस चले जाइये."


देव सिंह ने बताया कि बाइक पर कन्हैया को संभालना मुश्किल हो रहा था और थाना रास्ते में ही था इसलिए वो पहले वहां गए ताकि कोई गाड़ी मिल जाए, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई गाड़ी नहीं मिली. उन्होंने कहा, "पुलिस ने कहा कि आप इसे लेकर पारस जाइए, टीम पीछे से वहां पहुंच जायेगी. किसी तरह बाइक से लेकर हम उसे अस्पताल पहुंचे. जब हम अस्पताल पहुंचे तो उसकी सांस चल रही थी. वहां पहुंचने पर उसका इलाज शुरू किया गया. डॉक्टर ने बताया कि गोली उसके दिल में लगी है, जिसके कारण बचना मुश्किल था. अस्पताल ले जाने के दस मिनट बाद ही डॉक्टर ने जवाब दे दिया. कन्हैया अब नही रहा."


देव ने कहा, "एक गोली उसके दिल में लगी थी. इतनी मुझे जानकारी है. और कितनी गोली लगी ये उसका भाई ही बता सकता है, क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट उसी के पास है. इतनी जानकारी मुझे है कि गोली दिल में लगने की वजह से खून की कोई नली फट गई थी. बाकी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट कन्हैया के पिता और भाई को सौंप दिया गया था.


देव ने बताया कि उनकी आंखों के सामने गोली चली, लेकिन जिस तरह से कुश गोली चला रहा था, उसे गिनना मुश्किल था. उन्होंने कहा कि जैसे बच्चों के खिलौने वाले बंदूक चलाए जाते हैं, वैसे ही उसने लगातार कई राउंड गोली चलाई. उसकी गन से ज्यादा आवाज भी नही आ रही थी. बस गोली चलने के क्रम में उसके बंदूक से हल्की चिंगारी निकल रही थी. उन्होंने बताया कि कई राउंड फाइरिंग में से चार राउंड उन लोगों पर चली. जिसमें से दो चंदन के ऊपर और एक-एक कन्हैया और उनपर चलाई गई.


देव ने बताया कि कन्हैया का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उसके चचेरे भाई ने उसे मुखाग्नि दी. उन्होंने कहा कि इतना सब होने के बाद पुलिस ने मुझे प्रोटेक्शन देने की बात कही, लेकिन मैंने प्रोटेक्शन से इनकार कर दिया है. मैंने कहा कि मैं घर पर ही रहूंगा.


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