महाराष्ट्र पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की शिकायत पर राज्य के सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष और उनके परिवार के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ईडी ने आरोप लगाया था कि छापेमारी की उसकी कार्रवाई में बाधा पहुंचाई गई और सबूतों को नष्ट किया गया. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. यह मामला पुणे स्थित सेवा विकास सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अमर मूलचंदानी सहित पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ कथित करीब 494 करोड़ रुपये की अनियमितता से जुड़े धनशोधन से संबंधित है जिसकी जांच ईडी कर रहा है.


ईडी ने खुलवाया ताला
एजेंसी के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने 27 जनवरी की सुबह मूलचंदानी के पिम्परी चिंचवाड (पुणे के करीब) स्थित परिसरों में छापेमारी की कार्रवाई की थी, लेकिन वे घर में दाखिल नहीं हो सके क्योंकि किसी ने दरवाजा नहीं खोला. उन्होंने कहा कि इसके बाद ईडी ने ताला खोलने वाले को बुलाकर ताला खुलवाया और तब अधिकारियों ने पाया कि मकान के भीतर कम से कम पांच लोग मौजूद हैं.


आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मकान में मौजूद लोगों ने ईडी टीम को सूचित किया कि मूलचंदानी वहां पर मौजूद नहीं हैं और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया गया. ईडी अधिकारियों ने तलाशी के करीब छह घंटे बाद पाया कि घरेलू सहायक का कमरा बंद है और जब चाबी मांगी गई तो वहां मौजूद लोगों ने इसमें असमर्थता जताई.


सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद एक बार फिर चाबी वाले को बुलाया गया और ताला तुड़वाया गया, कमरे के भीतर मूलचंदानी ‘छिपे’ हुए थे. उन्होंने बताया कि ईडी ने इसके बाद दो महिलाओं सहित सभी छह लोगों के खिलाफ तलाशी के दौरान असहयोग कर सबूतों को छिपाने/नष्ट करने की शिकायत पुलिस के समक्ष दर्ज कराई जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया.


ईडी को आशंका है कि सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष ने अपने पास से कथित तौर पर बरामद दो मोबाइल फोन की चैट और क्लाउड डेटा ‘मिटा’ दिया है.  सूत्रों ने बताया कि मूलचंदानी के परिसर से 2.73 करोड़ रुपये के जेवर- हीरे और 40 लाख रुपये की नकदी बरामद की गई. भारतीय रिजर्व बैंक ने सहकारी बैंक का लाइसेंस अक्टूबर 2022 में रद्द कर दिया था.


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