मेरठ: जेल में एक कैदी ने फांसी लगा कर जान दे दी. परिजनों का आरोप है कि ये आत्महत्या नहीं कत्ल है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है. मृतक पिछले दो साल से जेल में था.


चौधरी चरण सिंह जिला कारागार परिसर के शौचालय में एक हत्यारोपी कैदी ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृतक बंदी पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप था. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

जानकारी के मुताबिक परीक्षित गढ़ थाना इलाके के सोहना गांव निवासी सोमेंद्र (34) पुत्र भोले पर वर्ष 2015 में खुद की पत्नी की जलाकर हत्या करने का आरोप लगा था. इस आरोप में वह दो साल से मेरठ जेल में बंद था.

शनिवार रात वह बैरक नंबर छह में पहरेदारी कर रहा था. देर रात करीब दो बजे वह अपने साथी पहरेदार साबिर से शौचालय जाने को कहकर गया और शौचालय में लोहे के जंगले के सहारे उसमें फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मामले की सूचना मिलते ही जेल परिसर में हड़कंप मच गया.

एसडीएम सिटी मुकेश चंद्र, एसपी सिटी मान सिंह चौहान और एसीएम गुलशन कुमार रात में ही जेल पहुंच गए. वीडियोग्राफी की गई. जेल प्रशासन के मुताबिक सोमेंद्र अक्सर तनाव में रहता था. मेडिकल थाना प्रभारी सतीश कुमार ने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से सोमेंद्र के खुदकुशी करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है.

वहीं सूचना के बाद पहुंचे परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि जेल में सोमेंद्र को टॉर्चर किया जाता था. यह आत्महत्या नहीं हत्या है. परिजनों का कहना है कि सोमेंद्र से पैसे मांगे जाते थे, इसलिए उसने मजबूर होकर ये कदम उठाया. परिजनों ने जेल प्रशासन को सोमेंद्र को मौत का जिम्मेदार ठहराया और दोषियों पर कार्रवाई कर जेल भेजने की मांग की.

उधर एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया कि इस मामले में 309 के तहत मुकदमा दर्ज कर ली गई है. साथ पुलिस मामले की जांच करने में जुट गई है. जो भी इस में दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी.