गुरुग्राम: सुनील भट्ट मर्डर केस में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. गुरुग्राम में लोगों ने प्रदर्शन किया और हत्यारों को कड़ी सजा देने की मांग की. इस प्रदर्शन में करीब 500 लोग शामिल हुए जिन्होंने राजीव चौक से पुलिस कमिश्नर के ऑफिस तक कैंडिल मार्च निकाला. उत्तराखंड के अलग अलग इलाकों से आकर दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम में नौकरी करने वाले कई लोग इस प्रदर्शन में शामिल हुए. साथ ही गुरुग्राम के स्थानीय लोगों और दूसरे राज्यों से आकर नौकरी कर रहे लोगों ने भी सुनील को जल्दी न्याय दिलाने की मांग की.


प्रदर्शन कर रहे लोगों की तीन अहम मांगें थीं- पहली हत्यारों को फांसी मिले, दूसरा डैनसो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड परिवार को आर्थिक मदद दे और सुनील की पत्नी को नौकरी दे. तीसरा चूंकि सुनील गरीब परिवार का इकलौता सहारा थे, उनकी 4 महीने की बच्ची है, 26 साल की विधवा पत्नी है, एक बहन जिसकी शादी होनी है, 2 भाई जो स्कूल में पढ़ते हैं और बूढ़े माता -पिता आर्थिक रूप से सुनील पर निर्भर थे. इसीलिए तीसरी मांग है कि उत्तराखंड सरकार आर्थिक मदद के साथ सुनील की पत्नी को नौकरी दे.

जोरदार नारेबाजी और हाथों में कैंडल लिए मार्च कुछ देर तक कमिश्नर दफ्तर के गेट पर जमा रहा. प्रदर्शनकारी लोगों ने कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा. शाम 5:30 बजे कैंडल मार्च गुरुग्राम के राजीव चौक से चला और 6:30 बजे कमिश्नर दफ्तर पर खत्म हुआ. गुरुग्राम के अलावा उत्तराखंड के हरिद्वार में भी कैंडल मार्च में करीब 400 लोग पहुंचे. ठीक इसी वक्त इन्हीं मांगों के साथ अहमदाबाद, वडोदरा, मुम्बई, दीव, पुणे, चम्पावत और उदयपुर में भी लोगों ने कैंडल जलाकर प्रदर्शन किया.



दिल्ली पुलिस ने 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर दावा किया है कि पकड़े गए लोगों ने ही वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की कोशिश होगी. दिल्ली कैंट पुलिस के मुताबिक ये शातिर अपराधी थे और पहले भी ऐसी ही वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. आरोपियों के पास से पुलिस ने 2 कारें भी बरामद की हैं. पुलिस के मुताबिक वारदात को अंजाम देने और अगले दिन लूटे हुए एटीएम कार्ड से शॉपिंग करने में इन्हीं दो कारों का इस्तेमाल हुआ. पुलिस इन्हें लिफाफा गैंग का बता रही है.

क्या है लिफाफा गैंग
पुलिस के मुताबिक गैंग का सरगना आरिफ है जिसने अपराधियों का नेटवर्क बनाया हुआ है. ये दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय हैं. ये लोग सवारियों को लूटते हैं. गाड़ी में ड्राइवर सहित 4 लोग पहले से होते हैं. एक ड्राइवर होता है बाकी सवारी की तरह बर्ताव करते हैं. ये एक किसी ऐसे शख्स की तलाश में होते हैं जो गाड़ी का इंतज़ार कर रहा होता है. गाड़ी में बैठने के बाद ये कहते हैं कि ये असल में सरकारी गाड़ी है. खाली जा रही थी इसीलिए आपको बैठा लिया. ये कहते हैं कि आप सब लोग पुलिस जांच से बचने के लिए अपना कीमती सामान और पैसे एक खाली लिफाफे में रख दीजिए. वो खाली लिफ़ाफ़ा पहले से इनके पास होता है. चूंकि बाकी की तीन सवारियां उसी गिरोह से होती हैं तो वो अपना सामान तुरंत लिफाफे में रख देते हैं. इसके बाद ये अपने शिकार पर भी सारी नकदी आदि उसी तरह के लिफाफे में रखने का दबाव बनाते हैं. अगर रख दिया तो लिफ़ाफ़ा अपने पास रखकर, मारपीट के बाद कहीं छोड़ जाते हैं. नहीं करने पर गाड़ी के अंदर डराने धमकाने के बाद मारपीट करते हैं. पुलिस के मुताबिक सुनील ने विरोध किया और मारपीट के बाद ये समझकर जंगल में छोड़ दिया कि ये बेहोश हो गया है. पुलिस के मुताबिक सभी आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है.