चंडीगढ़: बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध के बावजूद लोकसभा में दो विवादास्पद कृषि विधेयक पारित हो गए. इसके एक दिन बाद, शुक्रवार को पंजाब में विधेयकों का विरोध कर रहे एक किसान ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. अकाली दल (एसएडी) ने विधेयकों को किसान विरोधी करार दिया था.
मुक्तसर जिले में पंजाब की राजनीति में एक्टिव बादल परिवार के गृहनगर बादल गांव में किसान ने एक विरोध स्थल पर आत्महत्या करने की कोशिश की. भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के राज्य सचिव शिंगारा सिंह मान ने कहा कि 60 साल के किसान प्रीतम सिंह लोकसभा में कृषि विधेयकों के पारित होने पर परेशान थे.
किसान को डर था कि बिल किसानों के खिलाफ होगा. किसान की हालत गंभीर बताई गई है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विधेयकों के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आवास के ठीक बाहर बादल गांव में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.
SAD का बीजेपी को समर्थन जारी
नरेंद्र मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंत्री के इस्तीफा देने के निर्णय की घोषणा करते हुए, एसएडी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि पार्टी सरकार और बीजेपी को समर्थन देना जारी रखेगी, लेकिन किसान विरोधी नीतियों का विरोध करेगी.
किसान समिति ने की 'रेल रोको' आंदोलन की घोषणा
केंद्र सरकार के कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष समिति ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. किसान मजदूर संघर्ष समिति का कहना है कि वह इस विधेयक के खिलाफ अपने प्रदर्शन और आंदोलन को तेज करने वाले हैं. समिति के अनुसार वह इस विधेयक के विरोध में 24 से 26 सितंबर के बीच पंजाब में ट्रेनों को चलने नहीं देंगे.
समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ‘‘हमने राज्य में कृषि से संबंधित विधेयकों के खिलाफ ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का फैसला किया है.’’ पंजाब में विभिन्न कृषि संगठन पहले ही 25 सितंबर को इस विधेयक के विरोध में 'बंद' की घोषणा कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें-
कृषि बिल: आंदोलन कर रहे किसानों का सरकार पर क्या है आरोप, जानें पंजाब से लेकर दिल्ली तक की राजनीति
लोकसभा में पारित किसान विधेयकों में क्या है खास, आखिर क्यों हो रहा है इनका विरोध