Raipur Crime: कर्ज में डूबे किसानों से 20-20 हजार की ठगी, चैनल के नाम पर देते थे ढाई लाख का चेक, जानें पूरा मामला
Raipur: ये ठग किसानों का इंटरव्यू लेकर उसे रिकॉर्ड करने के बाद नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर प्रसारित करवाने की बात करता है और फिर चैनल की तरफ से ढाई-ढाई लाख का चेक किसानों को सौंपता है.
Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसानों से अजीबोगरीब तरीके से ठगी करने का मामला उजागर हुआ है. यहां के लगभग आधा दर्जन से अधिक किसानों (जो कर्ज में हैं) से शातिर आरोपित ने 20-20 हजार रुपये की ठगी की है. छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे राज्यों में भी आरोपित ने इसी तरह से किसानों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
दरअसल, ये ठग किसानों का इंटरव्यू लेकर उसे रिकॉर्ड करने के बाद नेशनल जियोग्राफिक चैनल पर प्रसारित करवाने की बात करता है और फिर चैनल की तरफ से ढाई-ढाई लाख का चेक किसानों को सौंपता हैं. लेकिन, ठग की शर्त के मुताबिक, बदले में ये किसानों से 20 हजार रुपये नकद लेकर चला जाता है. इसके बाद जब किसान के अकाउंट में ढाई लाख नहीं आता तो उन्हें पता चलता कि उनके साथ ठगी हुई है. इस मामले पर किसान ने रायपुर पुलिस अधीक्षक के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई है.
कैसे होती है किसानों से ठगी
डॉ. तनय बनर्जी के नाम से चलाए जा रहे यूट्यूब चैनल में किसानों से ठगी के कई वीडियोज अपलोड किए गए हैं. इसमें से एक वीडियो फार्मर चेक डिस्ट्रीब्यूशन के नाम से है जो 4 महीने पहले (24 अक्टूबर, 2022) अपलोड किया गया था. इस वीडियो में आरोपित तनय बनर्जी किसानों और उसके परिवार के बारे में सारी जानकारी इकठ्ठा करता है. इस दौरान वो बाकायदा नेशनल जियोग्राफिक की टी-शर्ट और आईडी कार्ड पहने हुए रहता है. किसान से हर तरह की जानकारी लेने के बाद आरोपित मदद के नाम पर उसे ढाई लाख का चेक सौंपता है, जो कि बैंक आफ बड़ौदा का होता है. वहीं, इसी वीडियों में आगे कई किसानों को ऐसे ही चेक सौंपते देखा जा सकता है.
पीड़ित किसान दर्ज कराई FIR
इस मामले को लेकर पीड़ित किसान ने थाने जाकर आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर में उसने बताया कि वो एक ओला कैब का ड्राइवर है. 13 अक्टूबर, 2022 को उसे एक कस्टमर की बुकिंग मिली. ग्राहक को पिक करने के बाद वो निकला. ग्राहक ने अपना नाम तनय बनर्जी बताया और कहा कि वो नेशनल जियोग्राफिक चैनल का प्रतिनिधि है.
तनय बनर्जी ने छत्तीसगढ़ में आने की वजह किसानों की आत्महत्या के पीछे की समस्या को जानना और उनके परिजनों का इंटरव्यू कर उन्हें सहायता राशि प्रदान करना बताया था. तनय ने बताया कि अभी नेशनल जिओग्राफिक चैनल की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए हम सिर्फ दो ही किसानों को ढाई लाख रुपये का चेक दे सकते हैं. इस दौरान ओला ड्राइवर ने खुद को किसान बताते हुए अपना परिचय दिया और कहा कि वह रोजगार के लिए शहर में आया है.
किसान की लाचारी जानकर तनय बनर्जी ने उसे फंसा लिया और कहा कि उसे यहीं पर इंटरव्यू देना होगा और तुरंत ही ढाई लाख का चेक भी प्राप्त हो जाएगा. इस दौरान, तनय बनर्जी ने शर्त रखी कि ढाई लाख के चेक के बदले उसे 20 हजार रुपये नकद देने होंगे. इसके बाद किसान का फर्जी इंटरव्यू किया और आरोपित तनय ने किसान सारी जानकारी ली और कहा कि दूसरा इंटरव्यू तुम्हारे बड़े भाई का लूंगा तो वो भी मुझे 20 हजार देगा और मैं उसे भी ढाई लाख का चेक दूंगा. इससे नेशनल जियोग्राफिक चैनल का काम भी पूरा हो जाएगा.
सोशल मीडिया पर हैं तमाम पेज
इसके बाद आरोपित तनय बनर्जी ने नेशनल जिओग्राफिक चैनल के नाम पर ढाई लाख के चेक को अपने निजी अकाउंट से जारी किया था. साथ ही, 15 दिन बाद तनय बनर्जी ने नेशनल जिओग्राफिक चैनल के कार्यालय से फोन आने पर चेक को बैंक में जमा करने के लिए कहा. 15 दिन बीतने के बाद पीड़ित किसान के पास कोई फोन नहीं आया.
वहीं, किसान ने जो अपना चेक बैंक में जमा किया था वो भी अकाउंट ब्लाक होने के कारण रिजेक्ट हो गया. इसके अलावा, किसान का आरोपित तनय बनर्जी से भी आज तक कोई संपर्क भी नहीं स्थापित हुआ है. पीड़ित किसान ने सोशल मीडिया पर छानबीन की तो उसे पता चला कि तनय बनर्जी ने अपना एक पेज बना रखा है, जिसमें ऐसे तमाम लोगों के इंटरव्यू और चेक देने का वीडियो भी अपलोड हैं.
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