राजस्थान : मिला 'संदेह का लाभ', पूर्व मंत्री बाबू लाल नागर दुष्कर्म के आरोप से बरी
जयपुर : स्थानीय अदालत ने राजस्थान के पूर्व मंत्री बाबू लाल नागर को एक महिला से दुष्कर्म के आरोप से आज बरी कर दिया. अतिरिक्त जिला न्यायालय (द्वितीय) के न्यायाधीश प्रह्लाद राय शर्मा ने सन्देह का लाभ देते हुए पूर्व मंत्री बाबू लाल नागर को निर्दोष माना. नागर को अपने सरकारी आवास पर एक महिला से दुष्कर्म और मारपीट करने के आरोप से बाइज्जत बरी कर दिया.
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अदालत का निर्णय आने के बाद बाबू लाल नागर ने दिया बयान
अदालत का निर्णय आने के बाद बाबू लाल नागर ने अदालत परिसर में संवादददाताओं से कहा, ‘मुझे पहले दिन से ही न्यायापालिका पर विश्वास था और आज न्याय की जीत हुई है. मुझे कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों और राजनीतिक द्वेषता रखने वाले लोगों ने मुझे झुठे मामले में फंसाया. मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं और अन्तिम समय तक कांग्रेस के साथ रहूंगा. चाहे पार्टी मुझे पार्टी में ले या नहीं.’
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2013 को एक महिला ने सनसनीखेज आरोप लगाया था
गौरतलब है कि गत 13 सितम्बर 2013 को एक महिला ने सनसनीखेज आरोप लगाया था. एक परिजन को नौकरी दिलाने के लिए पूर्व मंत्री बाबू लाल नागर पर 11 सितम्बर 2013 को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर दुष्कर्म करने और मारपीट करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया था. नागर के खिलाफ मामला दर्ज होने पर नागर ने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था. कांग्रेस ने नागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
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20 अक्टूबर 2013 को बाबू लाल नागर को गिरफ्तार किया था
अदालत में पेश किये गये चालान के अनुसार सीबीआई ने 9 अक्टूबर 2013 को मामले की जांच आरंभ की. सीबीआई ने 20 अक्टूबर 2013 को बाबू लाल नागर को गिरफ्तार किया था. अदालत ने पूछताछ के बाद बाबू लाल नागर को 25 अक्टूबर 2013 को न्यायिक हिरासत में भेजा था. नागर तभी से जेल में है. इधर, आरोप लगाने वाली महिला ने संवाददाताओं से कहा कि निचली अदालत के आदेश को अग्रिम अदालत में चुनौती देगी.
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