जयपुर: राजस्थान के प्रतापगढ़ में पुलिस ने एक बड़ी महत्वपूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया है. यहां पुलिस ने फर्जी फाइनेंस कम्पनी का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने लोन देने के नाम पर के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले एक बड़े शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ था. लेकिन अब ये पुलिस की गिरफ्त में हैं.
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लोगों की शिकायतों के बाद पुलिस हुई अलर्ट
सिर्फ राजस्थान में अब तक 50 करोड़ की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुके छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यानि अगर अन्य राज्यों का आंकड़ा मिल जाए तो यह धोखाधड़ी की रकम और बढ़ सकती है. दरअसल प्रतापगढ़ जिले के धमोतर थाने में स्थानीय लोगों ने मामला दर्ज कराया कि कुछ बदमाश "मोनिरत्नम रियल प्राईवेट लिमिटेड" कम्पनी के नाम से लोगों से धोखाधड़ी कर फरार हो गए हैं. पुलिस जांच में सामने आया कि ये बदमाश प्रतापगढ जिले के ही करीब 500 से अधिक लोगों से बीमा, टैक्स, स्टाम्प ओर प्रॉसेसिंग फीस के नाम पर करीब 10 लाख रूपये लेकर भाग गये.
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अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने दिन-रात एक की
लोगों की शिकायतों पर जिला एसपी कालूराम रावत के नेतृत्व में इन्हें पकड़ने का अभियान शुरू हुआ. इस अभियान में सायबर सेल प्रभारी फेलिराम मीणा की अहम भूमिका रही. पुलिस ने दिन-रात एक कर दिए. पुलिस ने गहनता से तकनीकी विषलेषण किया गया और तथ्य जुटाए. तकनीकी और गोपनीय तथ्यों के आधार पर पुलिस आरोपियों तक जा पहुंची. आरोपियों के नाम राहुल कुमार सिंह, दीपक चौधरी, सैयेद हफीजुर रहमान, रमाशंकर पांडे, सतीश कुमार सिंह और अंसार उददीन हाफीज हैं.
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हर बार अपना नाम और ठिकाना बदल लेते थे अपराधी
आरोपियों ने प्राथमिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि ये अपना असली नाम बदलकर फर्जी नाम से कम्पनी खोलते थे. फिर उसका कार्यालय स्थापित करते थे. इसके बाद 'आसानी से लोन उपलब्ध करवाने और कोई फाईल चार्ज नहीं लगने' जैसे टाइटल के साथ लुभावने विज्ञापन अख़बारों में देकर लोगों को ऐजेण्ट बनाते थे. ऐजेण्टो के मार्फत लोगों से फाईल चार्ज, प्रॉसेसिग फीस के नाम पर पैसे लिए जाते. अमूमन एक व्यक्ति से कम से कम दस हजार रूपए लिया जाता था. फिर ज्यादा रकम आ जाने के बाद एक जगह छोड़ देते और दूसरी जगह चले जाते थे. नए जगह पर पहुंचने के बाद ये शातिर अपराधी एक नई कहानी बनाना शुरु कर देते थे.
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राजस्थान, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और छतीसगढ में फैला है नेटवर्क
इन आरोपियों द्वारा चलाई जा रही फर्जी कम्पनियों का क्षेत्राधिकार अधिकतर राजस्थान, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छतीसगढ में रहा है. पुलिस टीम द्वारा आरोपियो से गहन पूछताछ की जा रही है. आरोपी भोजपुरी फिल्म 'दुल्हनिया गंगापार के' बना रहे हैं. जिसमें धोखाधड़ी के लाखों रूपये निवेष किये हैं. पुलिस ने अनुमान लगाया है कि आरोपी राजस्थान में ही अब तक 50 करोड़ से भी ज्यादा का चुना लगा चुके हैं. इस गिरोह की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी है.