Rajasthan: राजस्थान के सिरोही जिले में एक सरकारी अस्पताल में अपनी मां के पास सो रहे एक महीने के बच्चे को एक आवारा कुत्ता उठा ले गया और उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मंगलवार को बताया कि शव अस्पताल के वॉर्ड के बाहर पाया गया. पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि सोमवार देर रात दो कुत्ते अस्पताल के टीबी वॉर्ड के अंदर गए और एक शिशु को उठाकर बाहर ले आए.


कोतवाली के एसएचओ सीताराम ने कहा कि बच्चे के पिता महेंद्र मीणा को सिलिकोसिस के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा कि बच्चे की मां रेखा अपने तीन बच्चों के साथ मरीज की देखभाल कर रही थी. अचानक बच्चे की मां की आंख लग गई. इसी दरम्यान कुत्ता शिशु को उठा कर बाहर ले गया. अधिकारी ने कहा कि घटना के समय अस्पताल का कर्मचारी भी वॉर्ड में मौजूद नहीं था. एसएचओ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमॉर्टम किया गया है. आगे की जांच के बाद मामला दर्ज किया जाएगा.


अभिभावक को बिना बताए कर दिया अंतिम संस्कार


इस बीच, बच्चे के पिता ने अस्पताल के अधिकारियों और पुलिस पर पत्नी से कागजों पर हस्ताक्षर करने और उसे बताए बिना अपने बच्चे का अंतिम संस्कार करने का आरोप लगाया है. शिशु के पिता ने कहा कि मुझे सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वॉर्ड के अंदर कुत्ते आ रहे थे. मैंने उन्हें भगाया भी था. जब मेरी पत्नी करीब 2 बजे उठी तो कुत्तों को हमारे बच्चे को नोचते हुए पाया. आज अस्पताल के अधिकारियों और पुलिस ने मेरी पत्नी के हस्ताक्षर लिए. मुझे बताए बिना मेरे बेटे का अंतिम संस्कार करवा दिया. मैं अपने बेटे का चेहरा भी नहीं देख सका. अस्पताल प्रशासन ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है.


प्रधान चिकित्सा अधिकारी ने बताई ये बात


कार्यवाहक प्रधान चिकित्सा अधिकारी (पीएमओ) ने पहले संवाददाताओं से कहा कि मरीज को देखने वाला सो रहा था और अस्पताल का गार्ड दूसरे वॉर्ड में काम कर रहा था. मैंने (घटना की) सीसीटीवी फुटेज नहीं देखी है. जांच के बाद ही हम टिप्पणी कर पाएंगे. घटना की निंदा करते हुए बीजेपी जिला प्रमुख नारायण पुरोहित ने कहा कि इस त्रासदी के लिए अस्पताल के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह अस्पताल प्रशासन की पूरी तरह से विफलता है. 


बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुआवजा मांगा


आवारा कुत्ते अस्पताल के अंदर घूम रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक दावा कर रहे हैं कि उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का चेहरा बदल दिया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पीड़ित परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की और मुआवजा व अन्य मांगों को लेकर धरना दिया. प्रदर्शनकारियों ने मामले में सख्त कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा.


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