रांची: झारखंड में रेप के मामलों की संख्या में कुल मिलाकर वृद्धि दर्ज की गई है, लेकिन 2018 की पहली तिमाही में मामलों की संख्या में गिरावट आई है. राज्य पुलिस द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों में इस बात का खुलासा हुआ है. राज्य में 2014, 2015, 2016 और 2017 में क्रमश 1,122, 1,198, 1,146 और 1,335 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए.
2014 में प्रति माह मामलों का औसत जहां 93.50 दर्ज किया गया था, वहीं 2017 में यह बढ़कर 113.08 हो गया.
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2018 तक रेप के कुल 328 मामले दर्ज किए गए. लेकिन पहली तिमाही में मामलों की संख्या 109.08 थी. देखा जाए तो पिछले साल इसी माह तक यह 113.08 थी, जिसमें गिरावट दर्ज की गई है.
पुलिस के मुताबिक, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म की घटनाएं कहीं ज्यादा हैं. अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के एक अधिकारी ने बताया, "महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं. पुलिस में एक-तिहाई महिला कर्मियों को पुलिस उपाधीक्षक के रूप में पदोन्नति दी गई है."
महिलाओं को तुरंत अपराध की शिकायत करने में मदद मिले, इसके लिए शक्ति ऐप शुरू करने जैसे अन्य कदम उठाए गए हैं.
रेप की बढ़ती घटनाओं के कारण झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पिछले सप्ताह पुलिस महानिदेशक डी.के. पांडेय को तलब किया था. राज्यपाल मुर्मू ने पांडेय से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने को कहा था.