नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर आश्रम के भीतर लड़कियों के यौन शोषण का आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित आज कोर्ट में पेश नहीं हुआ. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को तय की है और इसके साथ ही पुलिस को वीरेंद्र देव के अन्य आठ आश्रमों की जांच के आदेश दिए हैं.


आज सुबह साढ़े दस बजे वीरेंद्र देव दीक्षित को कोर्ट में पेश होना था लेकिन उसकी ओर से केवल वकील ही कोर्ट में पहुंचा. लड़कियों के रेप के आरोप को झुठलाते हुए कोर्ट में बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के वकील ने दलील दी कि आश्रम में रहने के लिए लड़कियों ने बाकायदा अदालती हलफनामा भर रखा है. वकील की इस दलील पर कोर्ट ने सख्त नाराज़गी दिखाई और कड़े लहजे में कहा कि क्या आप मज़ाक कर रहे हैं कि एक शख्स कोर्ट का हलफनामा बना कर लड़कियों को बंधक बना रहा है.


सुनवाई की शुरुआत में कोर्ट ने पूछा कि वीरेंद्र देव कहां हैं? कोर्ट के इस सवाल पर वकील ने कहा कि वो आध्यात्मिक विश्वविद्यालय की ओर से पेश हुए हैं और उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वह कहां हैं. वकील ने आगे कहा कि वो देश भर में जाते रहते हैं. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा है तो बाबा के खिलाफ वारंट जारी करते हैं. हालांकि कोर्ट ने केवल ऐसा कहा, फिलहाल वारंट जारी नहीं किया गया है. अदालत ने सीबीआई से कहा कि वो बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का पता लगाए.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की, "इतने सालों में हमने पहली बार देखा है कि एक उम्र की ही लड़कियों को आश्रम में बंधक बना कर रखा जाता है. एक शख्स खुद को कृष्ण बताता है और लड़कियों को गोपी बताता है. ये कैसा आश्रम है जहां पर सिर्फ महिलाओं को ही रखा जाता है."


सुनवाई के दौरान कोर्ट में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल भी थीं. उन्होंने कहा कि ऐसे और भी आश्रम हैं जिनकी जांच होनी चाहिए. स्वाति मालीवाल ने कहा कि एक पीड़ित ने 8 आश्रमों के बारे में बताया. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि पुलिस और कमेटी सभी आठ आश्रमों की पड़ताल करे.


गुरुवार को बाबा के आश्रम से 41 लड़कियों को छुड़ाया गया था. हालांकि, बाबा के कई समर्थक ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि आश्रम में कोई गलत काम नहीं होता है.


ABP न्यूज़ ने खोली थी बाबा की पोल
ABP न्यूज ने सबसे पहले इस ढोंगी बाबा का पर्दाफाश किया था जिसके बाद इस पर लगातार कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है. ABP न्यूज पर ही बाबा के पीड़ितों का दर्द पहली बार देश ने देखा था. अब इस पूरे मामले में 41 लड़कियों को बाबा के चंगुल से छुड़ाया गया है.


कैसा है बाबा का आश्रम
ABP न्यूज़ आश्रम पहुंचा तो देखा कि छत पर बहुत सी लड़कियां और महिलाएं बैठी हैं. कई छोटे छोटे कमरे भी बने हुए हैं. यहां सोलर सिस्टम भी लगा हुआ है. खिड़कियों पर जालियां और पर्दे हैं. अगर कोई बाहर झांकना चाहे भी तो नहीं झांक सकता.


बाबा के समर्थक क्या कहते हैं
एक पूर्व भक्त ने कहा कि वो 15 दिन का कोर्स करने के लिए आश्रम गया था. फर्स्ट फ्लोर पर उपदेश दिया जाता था. उसने बताया कि केवल सीडी चला कर उपदेश दिया जाता था. एक लड़की शिक्षा देती थी और एक महिला हमेशा उसके साथ होती थी. वे लोग 15 दिन के लिए फर्रुखाबाद ले जाना चाहते थे इसीलिए उसने कोर्ट को छोड़ दिया था. उसने कहा कि यहां कोई गलत काम होते तो नहीं देखा लेकिन एक लड़की ने आत्महत्या की थी.


एक समर्थक महिला ने कहा कि बाबा तो 5-6 साल से यहां आए ही नहीं. उन पर लगे सभी आरोप गलत हैं. मीडिया ने उनके बारे में गलत बातें चलाई हैं. आश्रम में केवल ज्ञान की बातें की जाती हैं. लड़कियों को रात में ले गए, ये कहां का कानून है.