नई दिल्ली : 'हम ये सुनिश्चित करेंगे कि हाईवे से न तो शराब की दुकानें नज़र आएं, न उन तक पहुंचना संभव हो', ये बात सुप्रीम कोर्ट ने कही है. हाईवे पर शराब की दुकानों के खिलाफ दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने ये टिप्पणी की है.


सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडू और पुदुच्चेरी से जुडी थीं. लेकिन, कोर्ट के फ़ैसले का असर पूरे देश पर पड़ेगा. कोर्ट ने कहा है कि नेशनल हाईवे हो या स्टेट हाईवे, शराब की दुकानें कहीं भी चलने नहीं दी जाएंगी.


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भले ही हाईवे का कुछ हिस्सा शहर के बीच से गुज़रे, वहां शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटना का मसला उठाया गया था. याचिका में कहा गया था कि इन दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है.

केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में देश भर में कुल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 1 लाख 46 हज़ार लोगों ने जान गंवाई. सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में इस मामले में केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया था. मामले को तेज़ी से सुनते हुए कोर्ट ने आज सुनवाई पूरी कर ली.


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कोर्ट ने साफ किया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 से हर नागरिक को मिला जीवन का अधिकार बेहद अहम है. राज्यों को इसका सम्मान करते हुए अपनी आबकारी नीति में बदलाव करना होगा. उन्हें हाईवे के किनारे शराब की दुकानों को लाइसेंस देना बंद करना होगा.