नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने हैदराबाद उच्च न्यायालय के रूख पर ‘निराशा’ जताई जिसने एक लड़की पर तेजाब फेंकने वाले व्यक्ति की सजा कम कर दी. लड़की ने उस व्यक्ति के शादी के प्रस्ताव को नकार दिया था, जिसके बाद उसने लड़की पर तेजाब फेंक दिया था.
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पीठ ने हैदराबाद उच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार कर दिया
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आर. भानुमति की पीठ ने हैदराबाद उच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार कर दिया, जिसने दोषी की सजा को घटाकर 30 दिन कर दिया और इतना समय वह जेल में गुजार चुका था. पीठ ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा जिसने उसे एक वर्ष कैद की सजा दी थी.
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साढ़े तीन लाख रूपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया
इसने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ आंध्रप्रदेश की पीड़िता की अपील को मंजूरी देते हुए उसे साढ़े तीन लाख रूपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘उच्च न्यायालय के रूख से हम निराश हैं और इसे नकारने में हमें कोई हिचक नहीं है. जब इस तरह का मेडिकल साक्ष्य है कि यह लड़की पर तेजाब से हमला था और परिस्थितियों से साक्ष्य मेल खाते हैं तो फिर सजा की अवधि कम करने का कोई औचित्य नहीं है.’
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उसके परिजन ने आरोपी के शादी के प्रस्ताव को नकार दिया था
पीड़िता की अपील के मुताबिक उसके परिजन ने आरोपी के शादी के प्रस्ताव को नकार दिया था. जिसके बाद 2003 में आरोपी ने उसके सिर पर तेजाब फेंक दिया. निचली अदालत ने उसे आईपीसी की धारा 326 (खतरनाक हथियार या तरीके से जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत दोषी पाया था. उसपर पांच हजार जुर्माना लगाने के साथ ही एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी.