बेंगलुरु: सायबर की दुनिया का दायरा जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे सायबर क्राइम के नए तरीके सामने आ रहे है. ताजा मामला बेंगलुरु का है, जहां व्हाइटफील्ड पुलिस की इकोनॉमिक एंड नारकोटिक्स सेल पुलिस ने एक 33 साल की उम्र के सातवीं फेल शख्स सिद्धार्थ को गिरफ्तार किया है. इस शख्स ने एक मैट्रिमोनी वेबसाइट पर एक के बाद एक कई पढ़ी लिखी युवतियों को शादी का झांसा देकर ठगा और लाखों की चपत लगाई.
गिरफ्तारी के बाद खंगाले गए उसके अकाउंट से अब तक 60 लाख रुपये की रकम हासिल की गई है जबकि अभी उसके कई अकाउंट की जांच बाकी है. इस अपराध का सबसे दिलचस्प पहलू ये है कि ये सातवीं फेल अपराधी अंग्रेजी, स्पेनिश सहित कुल 7 भाषाएं बोलता है और उसकी अंग्रेजी का एक्सेंट (बोलने का लहजा) कुछ ऐसा है कि सुनने वाला सहज यकीन कर ले कि ये व्यक्ति विदेश में रह रहा है.
सिद्धार्थ की बातचीत का लहजा और खुद को मैसूर राजघराने का सदस्य बताना ही उसके ठगी के धंधे का हथियार था. मैट्रिमोनी वेबसाइट पर शादी के नाम पर जब बातचीत शुरू होती थी तो वो खुद को यूएस में रह रहा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताता था. साथ ही वो खुद को मैसूर राजघराने का सदस्य भी बताता था. शादी की इच्छुक युवती उस पर यकीन करे, इसके लिए वो कई बार मैसूर राजघराने से जुड़ी ज्वैलरी की तस्वीरों के साथ-साथ राजघराने के लोगों की तस्वीरें भी भेजता था और युवतियों को यकीन करवाता था कि इन तस्वीरों में वो खुद भी मौजूद है.
कैमरे पर नहीं करता था बातचीत
बातचीत का सिलसिला जैसे-जैसे बढ़ता जाता था वो युवतियों को भारत में अपनी संपत्ति की जानकारी भी देता था. इस दौरान वो कभी भी कैमरे पर आमने सामने बातचीत नहीं करता था. शानदार लहजे में बोली जाने वाली अंगेजी उन युवतियों पर कुछ ऐसा जादू करती की युवतियां उसके जाल में फंस जाती थी और आंख बंदकर ना सिर्फ उसका यकीन करती थी बल्कि उसके साथ शादी कर एक सुखी जीवन का सपना भी देखती थी.
पैसों की करता था मांग
एक बार युवती जब उसके झांसे में आ जाती थी तो वो अचानक कोई बहाना बनाकर उनसे पैसे की मांग करता था. ये रकम लाखों में होती थी. झांसे में आई युवतियां ये रकम ट्रांसफर कर देती थी और कुछ दिनों के बाद शातिर सिद्धार्थ गायब हो जाता था. पुलिस के मुताबिक सिद्धार्थ के फरेब की शिकार सभी युवतियां अच्छे पढ़े लिखे परिवार से हैं और कुछ तो नौकरियां भी कर रही हैं.
इस मामले में शिकार हुई युवतियों ने शिकायत पुलिस से तो की लेकिन वो अपनी पहचान सामने नहीं लाना चाहती हैं. मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही सिद्धार्थ तक पहुंच गईं. पुलिस ने सिद्धार्थ को कर्नाटक के बायले कुप्पे के पास के गांव से गिरफ्तार किया है. माना जाता है कि तिब्बतियों के लिए बने कैम्प के लोगों के संपर्क में आकर उसने अंग्रेजी और स्पेनिश सीखी और इसका इस्तेमाल वो फरेब के लिए करने लगा.
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