नई दिल्ली/पटना : बाहुबली आरजेडी नेता शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांसफर कर दिया है. उसे 1 हफ्ते में सिवान जेल से तिहाड़ भेजने का निर्देश दिया गया है. अपने खिलाफ लंबित सभी मुकदमों में उसकी पेशी अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए होगी.


2 याचिकाओं पर आया फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश 2 याचिकाओं पर दिया है. एक याचिका सिवान के दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा की है और दूसरी शहाबुद्दीन के चलते अपने 3 बेटों को गंवाने वाले चंदा बाबू की. राजदेव हत्याकांड के आरोपियों को शरण देने के मामले में बिहार के मंत्री तेजप्रताप यादव के खिलाफ अर्ज़ी अप्रैल में सुनी जाएगी.

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शहाबुद्दीन की दलील ख़ारिज

शहाबुद्दीन ने अपने खिलाफ दायर याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा था कि अगर उसे ट्रांसफर किया गया तो वो अपने परिवार से नहीं मिल सकेगा. जस्टिस दीपक मिश्रा और अमिताव राय की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा, "मुकदमों की निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना हमारी ज़िम्मेदारी है. आरोपी के अधिकारों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. लेकिन पीड़ितों और समाज का हित ज़्यादा महत्वपूर्ण है."

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

कोर्ट ने बिहार सरकार से कहा है कि शहाबुद्दीन को 1 हफ्ते में तिहाड़ जेल भेज दिया जाए. इस दौरान उसे कोई भी अतिरिक्त सुविधा न दी जाए. कोर्ट ने कहा है कि जिन अदालतों में शहाबुद्दीन के मामले लंबित हैं, उनमें वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

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कई संगीन मामलों में आरोपी है शहाबुद्दीन

शहाबुद्दीन के खिलाफ इस वक्त 45 मामले लंबित हैं. इनमें से 9 मामले हत्या के हैं. कई मामले अपहरण, हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों के हैं. इसके अलावा कुल 10 मामलों में उसे दोषी करार दिया जा चुका है.

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को दिए ये खास निर्देश

इनमें से 2 मामले हत्या के हैं, जिनमें उसे उम्र कैद की सज़ा मिली है. शहाबुद्दीन की अर्ज़ी के चलते पटना हाई कोर्ट ने उसके खिलाफ लंबित कई मुकदमों की सुनवाई पर रोक लगा रखी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को 4 महीने में इन अर्ज़ियों का निपटारा करने को कहा है.

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तेजप्रताप के खिलाफ अर्ज़ी अप्रैल में सुनी जाएगी

राजदेव हत्याकांड के आरोपियों कैफ और जावेद को शरण देने के आरोप में तेजप्रताप यादव के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अलग से सुनवाई करेगा. ये सुनवाई अप्रैल में होगी. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप की तस्वीरें दोनों आरोपियों के साथ उस वक्त सामने आई थीं जब वो फरार थे.

10 साल तक की सज़ा का प्रावधान

गौरतलब है कि आईपीसी की धारा 212 के तहत हत्या के आरोपी को शरण देने के लिए 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान है. हालांकि, तेजप्रताप ये कह चुके हैं कि मंत्री होने के नाते उनसे तमाम लोग मिलने आते हैं. किसी तस्वीर के आधार पर इतना संगीन आरोप लगाना गलत है.

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सिवान जेल में ली गई सेल्फी की वजह से फिर चर्चा में आ गया था

गौरतलब है कि पिछले दिनों शहाबुद्दीन सिवान जेल में ली गई सेल्फी की वजह से फिर चर्चा में आ गया था. इस मामले में उसपर अलग से एक एफआईआर की गई है. शहाबुद्दीन ने जेल में सेल्फी के साथ अन्य तस्वीरें ली थीं जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.