पीटर ने सीबीआई अदालत के जज एच एस महाजन के समक्ष आवेदन दायर कर कहा, ‘‘मैं आत्मकथा लिखना चाहता हूं और इसके लिए मैं जेल में बिना इंटरनेट के अपना लैपटॉप चाहता हूं.’’ हाथ से लिखे अपने आवेदन में पीटर ने कहा कि वह हाथ से लिखने में बहुत मुश्किल महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अगर अदालत की अनुमति मिल जाती है तो वह रोजाना लैपटॉप पर कुछ घंटे काम करेंगे और काम पूरा होने के बाद लैपटॉप जेल प्रशासन को सौंप देंगे.
पीटर ने कहा, ‘‘मैं 61 साल का हूं और कई बार मुझे मानसिक थकावट महसूस होती है और लैपटॉप से मुझे काम करने में बहुत मदद मिलेगी.’’ सीबीआई उनके इस आवेदन पर 14 दिसंबर को जवाब दाखिल कर सकती है.
कोर्ट शीना बोरा हत्याकांड के मामले में आरोप तय करने को लेकर दलीलों की सुनवाई 19 दिसंबर को कर सकती है.