(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Moosewala Murder Case: मूसेवाला के शूटर्स की हत्या के बाद गैंगस्टर्स ने जेल में मनाया जश्न, इन जेल अधिकारियों पर गिरी गाज
Sidhu Moosewala: पुलिस इस बात की जांच करेगी कि जेल में मोबाइल फोन कैसे आया. जेल के अंदर वीडियो बनाने और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की घटना की भी जांच की जाएगी.
Sidhu Moosewala: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपियों की बीच हुई गैंगवार के बाद गोइंदवाल साहिब जेल में ‘जश्न’ का एक वीडियो रविवार (26 फरवरी) को वायरल हुआ था. जिसके बाद पंजाब की आप सरकार के हरकत में आने से जेल अधिकारियों पर गाज गिरी है. पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि गोइंदवाल साहिब जेल अधीक्षक इकबाल सिंह बराड़, अतिरिक्त जेल अधीक्षक विजय कुमार और जसपाल सिंह खैरा, दो एएसआई हरचरण सिंह और जोगिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल सुरिंदर सिंह और जेल के एएसपी हरीश कुमार को मामले में मिलीभगत और लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. इस मामले में बराड़, विजय कुमार, खैरा, हरचरण, जोगिंदर और हरीश कुमार को गैंगस्टरों से जुड़े वायरल वीडियो मामले में आरोपी बनाया गया था और गिरफ्तार किया गया था
वायरल वीडियो में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के मेंबर सचिन भिवानी ने बनाया था. इस वीडियो में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्य सचिन भिवानी, अंकित सेरसा व अन्य जग्गू भगवानपुरिया के मेंबर मनदीप तूफान एवं मनमोहन को मारने की शेखी बघारते नजर आ रहे हैं. हत्याओं के बाद शूट किए गए वीडियो में तूफान और मनमोहन के कथित शव जेल परिसर में पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, जिस पर बिश्नोई गिरोह के मेंबर जश्न मना रहे हैं और अपने प्रतिद्वंद्वियों को गालियां दे रहे हैं.
एफआईआर दर्ज
पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि वायरल वीडियो के संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66 और धारा 149 (गैरकानूनी विधानसभा के प्रत्येक सदस्य को सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई थी. उन्होंने कहा कि हत्याकांड में शामिल गैंगस्टरों को अलग-अलग करके होशियारपुर, पटियाला और बठिंडा जैसी राज्य की विभिन्न जेलों में भेज दिया गया है. जो गैंगस्टर आपस में भिड़े थे, वे सभी सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी थे.
जेल में कैसे आया मोबाइल?
गिल ने बताया कि मामले की जांच के तहत बदमाशों को पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा. पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि जेल में मोबाइल फोन कैसे आया और बाद में जेल के अंदर वीडियो बनाने और इसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की घटना की भी जांच की जाएगी. जिन दो एएसआई को निलंबित और गिरफ्तार किया गया था, उन्हें वीडियो में देखा जा सकता है. क्योंकि गैंगस्टरों ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए हत्याओं का जश्न मनाने के बीच दो शवों को वीडियो में दिखाया था.