मुंबई : आईएसआईएस में शामिल होने के लिए कथित तौर पर प्रेरित करने को लेकर गिरफ्तार हुए अर्शी कुरैशी को राहत मिली है. जाकिर नाइक के इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के अतिथि संबंध प्रबंधक की ‘झूठ पकड़ने वाली’(लाई डिटेक्टर) जांच की मांग एनआईए ने की थी. इस याचिका को विशेष अदालत ने खारिज कर दिया.


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो अन्य लोगों के साथ अर्शी कुरैशी को 30 नवंबर को हिरासत में लिया था. एनआईए ने ‘लाई डिटेक्टर’ जांच की इजाजत के लिए कल अदालत का रूख किया था. हालांकि, कुरैशी ने इस प्रक्रिया के लिए अपनी मंजूरी नहीं दी.


कुरैशी की वकील इशरत खान ने बताया, ‘कुरैशी द्वारा इसकी सहमति नहीं दिए जाने पर अदालत ने एनआईए की अर्जी खारिज कर दी और उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक आरोपी की इजाजत के बगैर कोई जांच नहीं की जा सकती.’ कुरैशी को पिछले हफ्ते सात दिसंबर तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेजा गया था.


रिजवान खान और मोहम्मद हनीफ के साथ कुरैशी के खिलाफ एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. इस सिलसिले में अब्दुल माजिद अब्दुल कादीर नाम के व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. कादीर का बेटा अशफाक उन 22 युवकों में शामिल था जो कथित तौर पर आईएसआईएस में शामिल हो गए.