नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षा में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आया है. दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को एक ऐसे गिरोह का पता चला है जो SSC की तरफ से कराए जाने वाले CHSL, CGL और दूसरी परीक्षा में कैंडिडेट से मोटी रकम लेकर उनकी जगह पर प्रॉक्सी कैंडिडेट (दूसरा उम्मीदवार) को एग्जाम में बैठता था.


दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली के रोहिणी स्थित इंद्रप्रस्थ कॉलेज ऑफ एडवांस स्टडीज पर छापेमारी की. जहां पर पुलिस को अमित नाहरा नाम का एक शख्स मिला जो प्रॉक्सी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दे रहा था. अमित को गिरोह के लोगों ने अनुज खोखर नाम के कैंडिडेट की जगह उसे परीक्षा में बैठाया था. चेक करने पर एडमिट कार्ड और SSC की कमीशन कॉपी पर अनुज की ही तस्वीर मिली. यही नहीं अमित नकल करने के लिए बाहर बैठे गिरोह के दूसरे लोगों के लगातार संपर्क में था उसके पास से ब्लूटूथ डिवाइस भी बरामद हुआ.


पूछताछ में पता चला है कि इस सिंडिकेट को दीपक, हरपाल, अन्नू, सोनू और संजय नाम के शख्स मिलकर एक साथ चलाते थे. अनुज ने संजय को मोटी रकम दी थी जिसके बाद से संजय ने प्रॉक्सी कैंडिडेट के रूप में अमित को परीक्षा देने के लिए भेजा था. क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले में IPC की धारा 419, 420 और 120B के तहत मुकदमा दर्ज किया है. क्राइम ब्रांच अब इस गोरखधंधा की जड़ तक पहुचने के साथ साथ इसे चलाने वाले मास्टरमाइंड को भी तलाश रही है.


आपको बता दें कि एसएससी की परीक्षा देने वाले छात्र लंबे समय से परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत करते रहे हैं. छात्रों ने हाल ही में सीबीआई जांच की मांग को लेकर दिल्ली में एसएससी दफ्तर के बाहर कई दिनों तक प्रदर्शन किया था.


एक अन्य मामले में चार गिरफ्तार
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की ऑनलाइन परीक्षा में कैंडिडेट को नकल करने में मदद कर रहे अंतर्राज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया है. यह गिरोह एसएससी ऑनलाइन परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए 100-150 सॉल्वरों का इस्तेमाल कर रहा था. एसटीएफ फरार चल रहे गिरोह के सरगना को तलाश रही है.


CBSE पेपर लीक: जल्द होगा नई तारीखों का एलान, पुलिस ने अब तक 25 से की पूछताछ


गिरफ्तार आरोपियों के नाम सोनू सिंह, परम, गौरव और अजय जैसवाल हैं. ये उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, हरियाणा के बहादुरगढ़ और दिल्ली के रहने वाले हैं. हालांकि गिरोह के दो सदस्य हरपाल और अन्नी अभी पुलिस की पहुंच से दूर हैं.


एसटीएफ के पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश ने कहा कि आरोपी कथित रूप से उम्मीदवारों को नकल में मदद करने के लिए स्क्रीन-शेयरिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहे थे, ताकि उम्मीदवारों के कम्प्यूटर तक पहुंच सुनिश्चित किया जा सके. आरोपी 2011 से गिरोह चला रहे थे. गिरोह का सरगना हरपाल आवश्यक बुनियादी ढांचा और लॉजिस्टिक्स मुहैया कराता था, जबकि सोनू उम्मीदवारों से संपर्क साधने में मदद करता था.


अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने 10 मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप, पांच ब्लूटूथ डिवाइस, एक हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, राउटर, तीन लग्जरी कारें और पांच लाख रुपये जब्त किए हैं.