सूरत रेप कांड: बच्ची की पहचान के लिए साड़ियों के साथ उसकी फोटो भेज रहे हैं साड़ी कारोबारी
25 हज़ार साड़ियों के जरिए ये तस्वीर देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंचाई जाएगी. यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यो में साड़ियों का कंसाइनमेंट जाता है. व्यापारियों को उम्मीद है कि शायद इसके ज़रिए केस हल करने में पुलिस की मदद मिलेगी.
सूरत: सूरत में बच्ची की रेप और हत्या मामले में बच्ची की शिनाख्त में मदद के लिए सूरत के साड़ी व्यापारी आगे आए हैं. व्यापारी वर्ग देश के अलग-अलग राज्यों में साड़ियों की पैकिंग में बच्ची की फोटो भेज रहे हैं. ताकि किसी तरह बच्ची के बारे में कोई जानकारी मिल सके.
साड़ियों के पैकेजिंग में भेजी जा रही है बच्ची की तस्वीर
सूरत में साड़ी का काम बड़े पैमाने पर होता है और अब यही साड़ियां एक मृत बच्ची को उसकी पहचान दिलाने में मददगार साबित हो सकती हैं. सूरत के साड़ी व्यापारियों ने मिलकर यहां से बाहर भेजे जाने वाली साड़ियों के पैकेजिंग में बच्ची की तस्वीर, सूरत क्राइम ब्रांच और हेल्पलाइन नम्बर भेजे जाने की पहल की है.
25 हज़ार साड़ियों के जरिए मदद की कोशिश
25 हज़ार साड़ियों के जरिए ये तस्वीर देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंचाई जाएगी. यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यो में साड़ियों का कंसाइनमेंट जाता है. व्यापारियों को उम्मीद है कि शायद इसके ज़रिए केस हल करने में पुलिस की मदद मिलेगी. इसके साथ ही व्यापारियों ने बच्ची की सूचना देने वालों 25000 के इनाम का एलान भी किया है.
बच्ची के शरीर पर चोट के 86 निशान थे
बता दें कि गुजरात के सूरत में 6 अप्रैल को एक बच्ची की लाश मिली थी. करीब 11 साल की इस बच्ची के शरीर पर चोट के 86 निशान थे. सूरत पुलिस काफी प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक बच्ची की शिनाख्त नहीं हो पाई है साथ ही ये भी पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर इस बच्ची का गुनाहगार कौन है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ऐसा भी संभव है कि हत्या कहीं और की गई हो और फिर शव को यहां फेंका गया हो. घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे 6 है. हो सकता है कि बच्ची को ट्रक या किसी अन्य जरिए से हाइवे के रास्ते यहां लाया गया हो और यहां सुनसान इलाका देख कर फेंक दिया गया हो.
शिनाख्त के लिए हर संभव प्रयास कर रही है पुलिस
पुलिस को लगा रहा है कि बच्ची बंगाल या उड़ीसा की हो सकती है इसलिए पुलिस ने बंगाली और उड़िया समेत 5 भाषाओं में 1200 पोस्टर शहर भर में लगाए हैं. साथ ही पुलिस ने अंग्रेजी, हिन्दी और गुजराती में भी पोस्टर लगाए हैं.