Tamil Nadu Crime: तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में मानसिक रूप से विक्षिप्त और बेसहारा लोगों के लापता होने की खबर आई थी. बेसहाय लोगों के लिए बने अंबु ज्योति आश्रम से कुछ लोग लापता हुए थे. अब परिजनों ने कुड्डालोर स्थानीय पुलिस के खिलाफ मामले में सुस्त जांच को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. जी. जयकुमार (68) को इग्नाइट चैरिटेबल ट्रस्ट में भर्ती कराया गया और फिर अंबु जोती आश्रम में शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि, बाद में, आश्रम के अधिकारियों ने उन्हें करुणई इल्लम में शिफ्ट कर दिया, जो वृद्ध और निराश्रित लोगों के लिए एक घर था. कुड्डालोर पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन जयकुमार के परिवार ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस उसकी मौत की पुष्टि नहीं कर रही है, यह जानते हुए कि वह अब नहीं है. 


आश्रम के मालिक पत्नी संग हिरासत में
जयकुमार के भाई कृष्णमूर्ति, जो तमिलनाडु कांग्रेस के राज्य परिषद सदस्य हैं. उन्होंने आईएएनएस को बताया कि कुड्डालोर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही मामले को अपराध शाखा सीबी-सीआईडी को शिफ्ट कर दिया है. सीबी-सीआईडी इसी तरह के तीन अन्य मामलों की जांच कर रही है. कृष्णमूर्ति ने कहा, मुझे लगता है कि पुलिस इसमें कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है. मैंने कुड्डालोर पुलिस के खिलाफ मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, तमिलनाडु के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को लिखा है.


उन्होंने आगे कहा कि वे वानियामबाड़ी नगरपालिका से अपने भाई का मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए एक स्वतंत्र जांच कर रहे थे. एक व्यक्ति के लापता होने के बाद पुलिस ने मानसिक स्वास्थ्य केंद्र पर छापा मारा, जिसके बाद अंबु ज्योति आश्रम के मालिक जुबिन बेबी, उसकी पत्नी मारिया और छह अन्य न्यायिक हिरासत में हैं.


भाजपा कर रही सीबीआई जांच की मांग
एक अन्य व्यक्ति जबीरुल्ला (70) के परिजनों ने भी पुलिस से शिकायत की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आश्रम से गायब है और मामला दर्ज किया गया है. इसके बाद, कुड्डालोर पुलिस ने एक छापा मारा जिसमें कैदियों को प्रताड़ित करने, मारपीट करने और जंजीरों में जकड़े जाने की भयानक कहानियां सामने आईं. जुबिन बेबी और अन्य के खिलाफ महिला कैदियों से बलात्कार के मामले भी दर्ज किए गए थे.


मामला 21 फरवरी, 2022 को सीबी-सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया था और जांच जारी है. विपक्षी अन्नाद्रमुक और भाजपा यह हवाला देते हुए सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है, इसमें अंतर्राज्यीय जांच शामिल है क्योंकि कैदियों को तमिलनाडु के बाहर अन्य मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट कर दिया गया था.


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