कोलकाता: पश्चिम बंगाल के नार्थ दीनाजपुर जिले में नाबालिग युवती के रेप और हत्या की वारदात के बाद पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई. वहीं रविवार को लड़की की मौत के दोषी ठहराए गए किशोर का तालाब से शव से मिलने के बाद इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया. जहां पुलिस को लड़की का शव मिला था, वहां से कुछ ही दूरी पर किशोर का शव मिला.


किशोर की मां ने कंफर्म किया है कि ये दोनों एक दूसरे को जानते थे. दोनों ने हाल ही में दसवीं क्लास के एग्जाम दिए थे. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया है कि दोनों रिलेशनशिप में थे. वहीं लड़की के परिवार ने किशोर पर कथित गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है.


पश्चिम बंगाल के चोपड़ा इलाके में 18 जुलाई की रात दसवीं क्लास में पढ़ने वाली युवती गायब हो गई थी. फिर अगले दिन घर से 700 मीटर दूरी पर वह बुरी हालत में मिली. अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई थी. इसके बाद घटना से गुस्साए लोगों ने हाइवे जामकर दिया था, बसों और पुलिस की गाड़ियों में आगजनी भी की. ये बवाल करीब तीन घंटे तक चला. इस दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े.


रेप और हत्या की जांच का गृहमंत्री ने दिया आश्वासन
नाबालिग बेटी की रेप के बाद हत्या के मामले में बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान गृहमंत्री ने घटना की जांच कराने का आश्वासन दिया. केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो, देबश्री चौधरी, राज्यसभा सांसद स्वप्न दास गुप्ता और दार्जिलिंग के लोकसभा सांसद राजू बिष्ट इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे.


प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री को बताया कि नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से उत्तर दीनाजपुर के चोपड़ा इलाके के लोगों को आक्रोशित हैं. हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. इस दौरान लाठीचार्ज से 60 से अधिक लोग घायल हैं. प्रतिनिधि मंडल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मामले की केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की. प्रतिनिधमंडल ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए संवेदनशील माने जाने वाले चिकन नेक एरिया में आपराधिक घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है. राष्ट्रदोही तत्वों की इस इलाके में सक्रियता बढ़ रही है.


बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री अमित शाह को बताया कि पीड़ित परिवार को लगातार धमकियां मिल रहीं हैं. पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध है. अगर स्थिति को समय रहते नहीं संभाला गया तो इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है. इसलिए चोपड़ा इलाके में सेंट्रल फोर्स की तैनाती करनी जरूरी है. घटना की सीबीआई जांच की प्रतिनिधिमंडल ने मांग उठाई. जिस पर गृहमंत्री ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच का आश्वासन दिया.


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