Pakistan Suicide Attack: पाकिस्तान में आतंक का खून से सना इतिहास, कभी मस्जिदों को बनाया निशाना तो कभी सैकड़ों बच्चों की गई जान
Terror Attacks in Pakistan: पाकिस्तान में साल 2014 में एक ऐसा हमला हुआ जिससे सभी की रूह कांप उठी. आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने एक स्कूल को निशाना बनाया.
Terror Attacks in Pakistan: पाकिस्तान के पेशावर में आतंकियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया है, जिसमें 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हो गए हैं. ये हमला 30 जनवरी को एक मस्जिद में हुआ, जब विस्फोटक के साथ आए एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को मस्जिद में ही उड़ा दिया. इस बड़े हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान को दहलाकर रख दिया है. हालांकि पाकिस्तान में ऐसे हमलों का पुराना इतिहास रहा है. यहां मस्जिदों और मदरसों को आतंकी हमेशा से निशाना बनाते आए हैं. आइए देखते हैं पाकिस्तान में आतंकी हमलों का पूरा इतिहास...
कराची में बड़ा आतंकी हमला (2007)
पाकिस्तान के कराची में साल 2007 में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में पाकिस्तानी नेता बेनजीर भुट्टो को टारगेट किया गया था. भुट्टो की रैली के दौरान बम धमाके हुए, जिसमें 139 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे. ये हमला तब हुआ था जब बेनजीर भुट्टो लंबे समय बाद पाकिस्तान लौटी थीं. इसके बाद दिसंबर 2007 में ही भुट्टो की हत्या कर दी गई थी.
हथियार फैक्ट्री के बाहर हमला (2008)
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में साल 2008 में एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया गया. यहां हथियारों की एक बड़ी फैक्ट्री के बाहर दो बम धमाके हुए. इस हमले में कुल 64 लोगों की मौत हो गई थी. दोनों ही हमलों को फिदायीन तरीके से अंजाम दिया गया, जिनमें आतंकियों ने खुद को विस्फोटक के साथ उड़ा दिया.
पेशावर में कार बम ने मचाया कहर (2009)
पिछले दो सालों की तरह साल 2009 में भी पाकिस्तान आतंकी हमले से दहल उठा. अक्टूबर 2009 में पाकिस्तान के पेशावर में एक कार धमाका हुआ, भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए इस धमाके में कुल 125 लोगों की मौत हो गई थी. इसी साल दिसंबर में लाहौर में भी ऐसा ही आतंकी हमला हुआ. इस सीरियल ब्लास्ट में 66 लोगों की मौत हुई.
साल 2010 में पाकिस्तान में आतंक का कहर
साल 2010 पाकिस्तान के लिए बेहद भयावह रहा. इस साल एक के बाद एक कई आतंकी हमले हुए. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साल शुरू होते ही 1 जनवरी को वॉलीबॉल मैच के दौरान एक सुसाइड कार बम धमाका किया गया. इस हमले में 101 लोगों की मौत हुई. ये हमला पाकिस्तान के बन्नू में हुआ. इसके बाद मई में आतंकियों ने एक मस्जिद में दहशत मचा दी, आतंकियों ने लाहौर की मस्जिद में हमला कर 82 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इसके ठीक दो महीने बाद जुलाई में पाकिस्तान के मोहमंद में आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 105 लोगों की मौत हो गई. साल 2010 में ही क्वेटा में एक रैली के दौरान सुसाइड अटैक हुआ, इसमें 59 लोगों की मौत हुई. नवंबर 2010 में शुक्रवार की नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में कुल 68 लोगों की मौत हुई थी.
2011 से लेकर 2013 तक सैकड़ों लोगों की मौत
पाकिस्तान में आतंक का सिलसिला हर साल लगातार जारी रहा. साल 2011 अप्रैल में डेरा गाजी खान कस्बे में हुए आतंकी हमले के दौरान 50 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद मई 2011 में चारसद्दा इलाके में भी आतंकी हमला हुआ, इसमें 98 लोगों की मौत हुई थी. साल 2013 में पाकिस्तान के क्वेटा, कराची और पेशावर में आतंकी हमले हुए. इन सभी हमलों में करीब 308 लोगों की मौत हुई थी.
2014 में हुआ दिल दहला देने वाला हमला
पाकिस्तान में साल 2014 में एक ऐसा हमला हुआ जिससे सभी की रूह कांप उठी. आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने एक स्कूल को निशाना बनाया. आर्मी स्कूल में हुए इस बड़े आतंकी हमले में कुल 154 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें करीब 135 स्कूली बच्चे शामिल थे. हमले के बाद बच्चों की जो तस्वीरें सामने आई थीं, उन्होंने सभी को झकझोरकर रख दिया.
इसके बाद साल 2016 में क्वेटा के एक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर आतंकी हमला हुआ. इस हमले में सेंटर में मौजूद 60 जवानों की मौत हो गई, ये सभी ट्रेनिंग ले रहे थे. इस हमले में 100 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हुए थे. अगस्त 2016 में क्वेटा के ही एक हॉस्पिटल में हमला हुआ, जिसमें 73 लोगों की मौत हुई. सितंबर 2016 में एक मस्जिद पर हमला हुआ था, जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी.
पाकिस्तान में अगस्त 2020 से लेकर अगस्त 2021 तक आतंकी हमलों में 294 लोगों की मौत हुई. वहीं अगस्त 2021 से लेकर अगस्त 2022 तक 433 लोगों ने अपनी जान गंवाई.
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