टेरर फंडिंग: यूपी में लश्कर से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश, 10 गिरफ्तार
आईजी अरुण ने बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कोई सदस्य लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिये अपने नेटवर्क के सदस्यों के सम्पर्क में रहता था और वह उनसे फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिये कहता था.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने टेरर फंडिंग कर रहे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने बताया कि दस्ते ने गोरखपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के रीवा में मारे गये छापों और पूछताछ के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. इन लोगों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लिये ‘टेरर फंडिंग‘ में मदद का जुर्म कुबूल कर लिया है.
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इन गिरफ्तारियों पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वाला कोई भी व्यक्ति प्रदेश में आजाद नहीं घूम पायेगा. उन्होंने कहा, 'हम प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिये किसी भी असमाजिक तत्व और अपराधियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ेंगे और उन्हें सलाखों को पीछे पहुंचाने के लिये हर प्रयास करेंगे.'
उन्होंने बताया कि पकड़े गये लोगों संजय सरोज, नीरज मिश्रा, साहिल मसीह, उमा प्रताप सिंह, मुकेश प्रसाद, निखिल राय, अंकुर राय, दयानन्द यादव नसीम अहमद और नईम अरशद में से कुछ लोगों के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े हैं.
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आईजी अरुण ने बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कोई सदस्य लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिये अपने नेटवर्क के सदस्यों के सम्पर्क में रहता था और वह उनसे फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिये कहता था. वह बताता था कि कितना धन किस खाते में डालना है. इसके लिये इन भारतीय एजेंटों को 10 से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था. अभी तक एक करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन की बात सामने आयी है.
उन्होंने बताया कि अभी तक जो खुफिया जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पकड़े गये लोगों के तार लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं. उनमें से कुछ लोग इसे लॉटरी फ्रॉड मान रहे थे, जबकि कुछ को साफ मालूम था कि यह आतंकी फंडिंग है. अरुण ने बताया कि गिरफ्तार किये गये निखिल राय का नाम जांच में गलत पाया गया है. उसका नाम मुशर्रफ अंसारी है और वह कुशीनगर का रहने वाला है. इस मामले में उसकी भूमिका की गहन जांच हो रही है.
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उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होगी कि जिस धन का लेन-देन हुआ, वह किसके खाते में गया. इस मामले में सम्बन्धित बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी और जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि पकड़े गये लोगों के कब्जे से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, लगभग 42 लाख रुपये नकद, छह स्पैव मशीन, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, तीन लैपटॉप, एक देसी पिस्तौल और 10 कारतूस, बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंकों की पासबुक इत्यादि बरामद की गयी हैं.