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पश्चिम बंगालः पिता पर था बेटी की अपहरण करवाने का शक, पुलिस ने किया गिरफ्तार
जिला पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि करीब पांच महीने पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बटव्याल को शनिवार की रात हिरासत में लिया गया था. उससे पूछताछ के बाद पुलिस को उसकी बेटी के ठिकाने के बारे में पता चला.
लाभपुर: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में एक स्थानीय बीजेपी नेता सुप्रभात बटव्याल को अपनी बेटी के अपहरण के सिलसिले में रविवार को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बटव्याल की बेटी को गुरूवार को बंदूक का डर दिखाकर अगवा कर लिया गया था. उसे उत्तर दिनाजपुर जिले से ''छुड़ाया'' गया.
अधिकारी ने बताया कि उत्तर दिनाजपुर पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में बीरभूम की एक पुलिस टीम ने 22 साल की युवती को रविवार की सुबह दालखोला रेलवे स्टेशन इलाके से बरामद किया. उन्होंने कहा कि बटव्याल और उनके दो सहयोगियों को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब शुरुआती जांच में संकेत मिले कि अपहरण में उनकी भूमिका है.
बीरभूम जिले के पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने बताया, ''हमने आज सुबह दालखोला से लड़की को छुड़ाया. वह ठीक है और हम यह पता लगाने के लिए उससे बात कर रहे हैं कि असल में हुआ क्या था. हमने लड़की के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि हमें लगता है कि उसने अपहरण में अहम भूमिका निभाई है.''
अपहरण के पीछे की मंशा के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, ''इसके दो पहलू हैं. एक तो पारिवारिक समस्या है और दूसरा यह भी है कि राजनीतिक फायदा लेना इसका मकसद रहा हो. हम मामले की जांच कर रहे हैं. हम तीनों से पूछताछ कर रहे हैं.''
जिला पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि करीब पांच महीने पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए बटव्याल को शनिवार की रात हिरासत में लिया गया था. उससे पूछताछ के बाद पुलिस को उसकी बेटी के ठिकाने के बारे में पता चला.
तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले बटव्याल माकपा की जिला कमेटी का सदस्य था. उसकी बेटी के अपहरण के बाद लाभपुर में तनाव की स्थिति बन गई थी. प्रदर्शनकारियों ने तीन दिन से सूरी-कटवा रोड जाम कर रखा था.
शनिवार को एक भीड़ ने तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक मनिरुल इस्लाम की गाड़ी पर हमला किया और उन्हें खदेड़ दिया, जिसकी वजह से उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में शरण लेनी पड़ी. पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा.
बीजेपी के जिला नेतृत्व ने आरोप लगाया था कि इस अपहरण के पीछे ''तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों'' का हाथ है.
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प्रदीप डबासवरिष्ठ पत्रकार
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