नई दिल्ली: सीबीएसई के दो पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई प्रशासन और सरकार सवालों के घेरे में है. लोग सवाल कर रहे हैं कि अलग-अलग सेंटर तक एग्जाम पेपर कैसे पहुंचे. इतनी निगरानी के बाद भी कहां कमी रह गई कि इस तरह की घटना हुई.


तो आइए जानते हैं इस घटना की पूरी सच्चाई कि आखिर कैसे इस घटना को अंजाम दिया गया.


23 मार्च को  सीबीएसई को  मिली शिकायत 
सीबीएसई को 23 मार्च को शाम 4.22 पर फैक्स के ज़रिए पेपर लीक होने की शिकायत मिली. ये फैक्स किसी अज्ञात व्यक्ति ने भेजा था. इसमें लिखा था कि विकी नाम का एक व्यक्ति जो ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान चलाता है वो पेपर लीक में शामिल है. इसी शिकायत में राजेंद्र नगर के दो स्कूलों का नाम भी था.


इस शिकायत को सीबीएसई ने 24 मार्च को अपने रीजनल ऑफिस फॉरवर्ड कर दिया. रीजनल ऑफिस ने ये शिकायत दिल्ली पुलिस के इंसपेक्टर सुशील यादव को व्हाट्सऐप पर फॉरवर्ड की.
26 मार्च 2018 को शाम 6 बजे एक बिना नाम लिफाफे में उसी दिन सुबह हुए इकनॉमिक्स के पेपर के उत्तर लिखे हुए 4 पेज पहुंचे. इन कागज़ों से पता लगा कि पेपर लीक हुआ है और चार व्हाट्सऐप नंबर से ग्रुपों पर सर्कुलेट हुआ है.


ये थे वो नंबर्स जिनपर सर्कुलेट हुआ था पेपर


9999299633
9999009467- नवीन
7428226425- ग्रुप इकोविजनेयर- राहुल शर्मा नाम के टीचर का नंबर है इसका फोनो हमारे पास रिकॉर्ड हुआ है, इसे एक सवाल छात्र ने भेजा था जिसका जवाब इसने आगे भेजा.
987197575- डॉक्टर पूनम अग्रवाल


इन कागजों के आधार पर पुलिस ने धारा 406, 420 और 120 बी में मामला दर्ज कर लिया. मामला क्राइम ब्रांच को सुपुर्द किया गया. एसआईटी बना दी गई. मामले की जांच कर रही है. बुधवार को करीब 2 दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की गई.


जांच के दौरान पुलिस ने दिल्ली के नामी कॉन्वेंट स्कूलों के 10 छात्रों का पता चला जिनके व्हाट्सऐप पर एक दिन पहले ही पेपर पहुंच गए थे. अब पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है कि इन्हें पेपर इन्हें कैसे मिले. जिन 10 छात्रों से पूछताछ होगी वो दिल्ली के अलग-अलग कान्वेंट स्कूल के छात्र हैं.


क्राइम ब्रांच ने सीबीएससी से मांगी जानकारी 


क्राइम ब्रांच ने सीबीएससी से जानकारी मांगी है कि पेपर सीबीएससी से एग्जाम सेंटर तक पहुचंने का पूरा प्रोसीजर क्या है. सीबीएसई की शिकायत में विकी नाम के शख्स का जिक्र था जिसे तलाश कर पुलिस ने हिरासत में लिया. विकी ओल्ड राजेंद्र नगर में विद्या कोचिंग सेंटर चलाता है, बीकॉम पास है और गणित व इकनॉमिक्स पढ़ाता है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि उसकी क्या भूमिका है.


व्हाट्सऐप पर सर्कुलेट हुआ पेपर


दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के मुताबिक 10 वीं के मैथमेटिक्स पेपर लीक में उनका सारा फोकस कोचिंग सेंटर चलाने वाले हैं. सभी बच्चों के व्हाट्सऐप पर ये पेपर सर्कुलेट हुआ है.एक दूसरे को आपस मे ये व्हाट्सऐप के जरिए जहां से भेजा गया है उस सोर्स को पकड़ना है. कुछ इनपुट्स मिले हैं. वहीं दिल्ली के मादीपुर में पीसीआर को पता चला था कि कुछ लोगों ने पेपर लीक किया था. जांच की गई तो पता चला कि कोचिंग सेंटर चलाने वाले एक शख्स के वहां पेपर आया था. जांच चल रही है क्योंकि सभी बच्चे माइनर हैं इसलिए उनसे जानकारी जुटाई जा रही है.


सीबीएसई के कर्मचारियों से हो सकती है पूछताछ 


कुछ बच्चों से पूछताछ के बाद पुलिस को पुलकित नाम के शख्स के बारे में पता चला. पुलकित दिल्ली का ही रहने वाला है और बिजनेस मैन है. पुलिस पुलकित तक पहुंची और उससे भी पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि उसके पास भी पेपर कहीं और से आए थे और उसने आगे लोगों को फॉरवर्ड किया था. उसकी निशानदेही पर पुलिस अभी छापेमारी कर रही है. पुलिस के मुताबिक इस इस सर्कुलेशन की शुरूआत कहा से हुई थी ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है. क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर आज सीबीएसई के कर्मचारियों से पूछताछ हो सकती है. अभी तक इस मामले में पुलकित का रोल सामने नहीं आया है जांच की जा रही है. कुछ कड़ियां मिली हैं.