पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल के आसनसोल में आज भी माहौल खराब होने की वजह से पुलिस ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को वहां जाने से रोक दिया है. रामनवमी के जुलूस को लेकर हिंसा की शुरुआत हुई थी. राज्य के रानीगंज, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना में हिंसक झड़पों के बाद से माहौल में तनाव बना हुआ है.


दो समूहों के बीच संघर्ष और रानीगंज में राम नवमी की रैली में हुई हिंसा के बाद, वहां इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं और क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी गई है.पुलिस का कहना है कि बीती रात से किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई है.


भारी उद्योग और लोक उपक्रम राज्य मंत्री एवं आसनसोल से सांसद सुप्रियो की कार को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश से रोक दिया गया. कुछ लोगों ने मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की.


पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया. वह भी रानीगंज जा रही थीं. विरोधस्वरूप वह धरने पर बैठ गईं. सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिये इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है.


मंत्री ने कहा, ‘‘जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं. यह मेरा कर्तव्य है. लेकिन पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इलाके में धारा 144 लागू है. मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता.’’


सुप्रियो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की जानकारी देंगे. दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है.


उन्होंने कहा, ‘‘जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं.’’ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आसनसोल नगर निगम के महापौर जितेंद्र तिवारी ने सुप्रियो पर इलाके में शांति भंग करने का आरोप लगाया.


अभी तक इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 से अधिक लोग घायल हैं.कई दुकान और मकान भी इस हिंसा की भेंट चढ़ गए. हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस का भारी इंतजाम है. चप्पे चप्पे पर पुलिस गश्त कर रही है.


रानीगंज और आसनसोल की स्थिति पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नबान्ना में सचिवालय के अधिकारियों, गृह सचिव, डीजीपी, एडीजी कानून और व्यवस्था के साथ एक तत्काल बैठक की. बैठक में आने वाली हनुमान जयंती को लेकर भी चर्चा की गई.