Chhitrakoot News: यूपी की चित्रकूट जेल में बंद अब्बास अंसारी को उसकी पत्नी निखत अंसारी से मिलवाने के मामले में पुलिस ने एक और बड़ी कार्रवाई की है. चित्रकूट की एसपी वृंदा शुक्ला ने मंगलवार को बताया कि इस प्रकरण में तीन गिरफ्तारियां और की गई हैं. जिसमें जेल अधीक्षक, जेलर और जेल वार्डन शामिल हैं. विवेचना के दौरान पाए गए साक्ष्यों में इन तीनों की भूमिका सामने निकलकर आई है. इससे पहले इस मामले की डिप्टी जेलर और मुलाकात प्रभारी चंद्रकला को गिरफ्तार किया गया था. आरोपी डिप्टी जेलर चंद्रकला को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में एंटी करप्शन कोर्ट, लखनऊ भेजा गया था.






गिरफ्तारी पर एसपी वृंदा शुक्ला ने दिया बयान
चित्रकूट की एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि इस प्रकरण में तीन गिरफ्तारियां और की गई हैं. जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और जेल वार्डन जगमोहन को गिरफ्तार किया गया है. अभी तक की विवेचना में  पाए गए हैं, उसके आधार पर इनकी स्पष्ट भूमिका सामने निकलकर आई है. साथ ही ये पाया गया है कि अब्बास अंसारी के द्वारा इन्हें पैसों का प्रलोभन दिया जा रहा था. जिसके कारण इन्होंने अब्बास अंसारी, उनकी पत्नी और उनके ड्राइवर को अनाधिकृत रूप से मिलने के लिए, अंदर फोन ले जाने के लिए और अनाधिकृत गतिविधियों की पूरी छूट दे रखी थी.


तीनों को कैंटीन कांट्रैक्टर ने दिए थे 6 लाख रुपये
वृंदा शुक्ला ने बताया कि ये पाया गया है कि 7 फरवरी को आखिरी बार इनको 6 लाख रूपये दिए गए थे, जो कैंटीन कांट्रैक्टर नवनीत सचान के माध्यम से दिए गए थे, जिनको पूर्व में ही गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. जेल वार्डन जगमोहन ये पैसा लेने के लिए नवनीत सचान के पास गया था और उसने आकर ये पैसा जेल अधीक्षक और जेलर को दिया था. पूछताछ के दौरान इन दोनों अभियुक्तों के घर से ये पैसा बरामद हुआ है. जेल अधीक्षक के घर से 4 लाख और जेलर के घर से 1 लाख 80 हजार रुपये बरामद हुए हैं.


जेलर ने खरीदी थी कार
वृंदा शुक्ला ने बताया कि हाल में ही जेलर ने एक किया की कार खरीदी थी, जिसकी एक किस्त को नकद में भुगतान किया गया था. वो पैसा भी अब्बास अंसारी द्वारा दिया गया था. बाद में इस कार को सीज कर दिया गया. इसके अलावा, 10 फरवरी को हुई आकस्मिक चेकिंग के दौरान जो मुकदमा पंजीकृत हुआ था तो उस दिन की जेल के सीसीटीवी फुटेज में पाया गया कि आकस्मिक चेकिंग के शुरू होने पर जेल अधीक्षक ने जगमोहन को इशारा किया, इस पर जगमोहन ने पुनः जेल में एंटर किया था, जिसकी ड्यूटी बाहर गेट पर लगी हुई थी. इस दौरान जिस कमरे में अब्बास अपनी पत्नी निखत से मिल रहे थे तो जगमोहन ने उन्हें वहां से बाहर निकाला था. ये सारी गतिविधियां सीसीटीवी में कैप्चर हुई हैं. इसके अलावा, अन्य स्वतंत्र गवाहों ने बयान दिए हैं, जिनके आधार पर इन तीनों की गिरफ्तारी हुई है. इन तीनों को चित्रकूट से ही गिरफ्तार किया गया है.


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