लखनऊ: राजधानी के पारा कोतवाली में पूर्व तैनात एक इंस्पेक्टर पर सीबीसीआईडी ने एफआईआर दर्ज की है. इंस्पेक्टर पर हत्या के एक मामले में सबूत नष्ट करने जैसा संगीन आरोप लगाया गया है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच क्राइम ब्रांच-क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीबीसीआईडी) को सौंपा गया था.


बताया जा रहा है कि जिस इंस्पेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है वह अभी प्रतापगढ़ के किसी थाने में ही तैनात हैं. उनपर जो आरोप लगाया गया है वह काफी गंभीर है क्योंकि कथित तौर पर हत्या के आरोपी को बचाने के लिए उन्होंने कई जरूर साक्ष्य ही पुलिस की लिस्ट से मिटा दिए थे.


गौरतलब है कि सन 2019 में हत्या के इस मामले की जांच यही इंस्पेक्टर कर रहे थे. इस मामले में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. लेकिन, पीड़ित पक्ष को जल्द ही लग गया था कि जांच में गड़बड़ी की जा रही है. फिर इसके बाद उन्होंने मानवाधिकार आयोग में अपील की थी.


शिकायत के बाद विभाग में हड़कंप मच गया और जांच सीधे सीबीसीआईडी को सौंप दी गई. जांच में मुख्य आरोपियों के खिलाफ जल्द ही सबूत मिल गए. इस बीच यह भी पाया गया कि तत्कालीन जांच अधिकारी ने घटनास्थल से मिले ईंट, चप्पल, मोबाइल फोन, सीसीटीवी फूटेज और सीडीआर जैसे महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा ही नहीं किए.


इसके साथ ही जो भी अन्य सबूत जुटाए गए उनके कानूनी ढंग से लिस्ट में डाला ही नहीं गया. यही नहीं पूरे मामले को जांच अधिकारी ने संदिग्ध बताकर लीपापोती कर दी. फिर जांच के बाद 1 फरवरी को ही इस बारे में शिकायत की गई. रविवार यानि 22 फरवरी को इंस्पेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.


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