लखनऊ: एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश पुलिस, महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा के लिए "नारी सुरक्षा सप्ताह" चलाकर कार्यक्रम के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर वाहवाही लूटने में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर पुलिस का ये "सुरक्षा कवच" खोखला दिखाई दे रहा है. दरिंदे बेटियों और महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं, लेकिन पुलिस महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है.


लखनऊ के सरोजनीनगर थाना इलाके में रहने वाली एक नाबालिग लड़की घर से चाउमीन लेने निकली थी. उसके प्रेमी ने उसे बहाने से एकांत में बुलाया और अपने दो साथियों के साथ मिल कर उसका रेप किया. उसने बहुत मिन्नतें कीं लेकिन आरोपियों ने बारी-बारी से उसे अपना शिकार बनाया.



दरिंदों के चंगुल से छूट कर वह घर जाना चाहती थी, रास्ता भटक गई तो एक राहगीर से रास्ता पूछा. राहगीर उसे अपने साथ ले गया और उसने भी रात के अंधेरे में पीड़ित के साथ रेप किया. किसी तरह किशोरी बदहवास स्थिति में अपने घर पहुंची और परिजनों को आप बीती बताई.


घरवालों के होश उड़ गए, वह बेटी को लेकर तुरंत सरोजनीनगर थाने पहुंचे. पुलिस ने पीड़िता की बात सुन कार्रवाई की और एक आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जबकि तीन अन्य की तालाश की जा रही है. पुलिस ने उस राहगीर को गिरफ्तार किया है जिसने मदद के बहाने रेप की वारदात को अंजाम किया.


सीओ सरोजिनीनगर लाल प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है.